Edited By Punjab Kesari,Updated: 28 Jan, 2018 01:56 PM
दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने अटल बिहारी बाजपेयी के कार्यकाल याद करते हुए उनकी जमकर तारीफ की। इस दौरान वे भावुक भी हो गईं। उन्होंने कहा कि वे जब दिल्ली की मुख्यमंत्री थीं तो प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी थे और वह कहते थे कि दिल्ली के...
जयपुरः दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने अटल बिहारी बाजपेयी के कार्यकाल को याद करते हुए उनकी जमकर तारीफ की। इस दौरान वे भावुक भी हो गईं। उन्होंने कहा कि वे जब दिल्ली की मुख्यमंत्री थीं तब अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री थे और वह कहते थे कि दिल्ली के हित की जो भी बात हो, उसके लिए पूरा सहयोग मिलेगा। वाजपेयी कहा करते थे कि दिल्ली के हित की बात हमारे हित की भी बात है, यह देश की राजधानी है। उस समय जो आपसी समझ थी, वह आज नहीं है और इसलिए दिल्ली रुक गई।' जयपुर में लिटरेचर फेस्टिवल में अपनी किताब सिटीजन डेल्ही माई टाइम माई लाइफ विमोचन के मौके पर शीला ने यह सारी बातें कहीं।
उन्होंने कहा कि उस समय की उत्तर प्रदेश की मायावती सरकार का भी सहयोग मिला, क्योंकि दिल्ली के विकास को कोई रोकना नहीं चाहता था लेकिन अब वैसा कुछ नहीं रहा है। कोई नया काम दिल्ली में नहीं हो रहा, लोगों की कोई सुन नहीं रहा क्योंकि केंद्र और दिल्ली सरकार में आपसी तालमेल नहीं है। दिल्ली के विकास के लिए आपसी समझ जरूरी है। दिल्ली के पुराने दिनों को याद करते हुए उन्होंने कहा कि कॉमनवेल्थ गेम्स होने वाली थी लेकिन केंद्र सरकार के दो मंत्रियों ने किसी भी तरह की सहायता देने से इंकार कर दिया लेकिन देश की शान का सवाल था तब हमारी सरकार ने खुद सारी व्यवस्थाएं की थीं लेकिन किसी ने तारीफ तक नहीं की।
उन्होंने कहा कि मुझे गर्व है है कि तब सबकुछ अच्छे से हो गया और दावे के साथ कह सकती हूं वो अब तक के सबसे अच्छे कॉमनवेल्थ गेम्स थे। पूर्व सीएम ने कहा कि मैं दिल्ली में ही रही हूं, मेरा बचपन यही बीता है। दिल्ली ने मुझे बहुत कुछ दिया है। पहले की दिल्ली शांत थी, सादा जीवन लेकिन आज की दिल्ली कल्पना से परे जाकर काफी बदल चुकी है। पहली दिल्लीवासी सादे होते थे तब कई लोग कहते थे जिंदगी देखनी है तो मुंबई या कोलकाता जाओ, आप लोग तो यहां गंवारों की तरह जी रहे हो। पर आज की दिल्ली कई शहरों से आगे है।
राहुल को छठी पंक्ति में बिठाना गलत
गणतंत्र दिवस समारोह में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को छठी पंक्ति में बिठाना गलत था। किसी भी पार्टी अध्यक्ष को पीछे बिठाया ठीक नहीं। इससे लोगों के बीच गलत संदेश जा रहा है।
बस में मिला शादी का प्रपोजल
अपने निजी जीवन के क्षणों को साझा करते हुए उन्होंने बताया कि वे मिरांडा हाऊस में पढ़ती थी और उनके कॉलेज एवं सेंट स्टीफंस कॉलेज के लिए एक ही बस चलती थी। उसी बस में उनको उनके पति ने शादी के लिए प्रपोज किया था। लेकिन हमारी शादी की बात काफी समय तक चलती रही क्योंकि तब माता-पिता की अनुमति के बिना हम शादी नहीं कर सकते थे। आखिरकार रजामंदी मिली और हमारा अंतरजातीय विवाह हुआ।