Edited By ,Updated: 18 May, 2017 05:36 PM
नेशनल कान्फ्रेंस के प्रधान और श्रीनगर से सांसद डा फारूक अब्दुल्ला ने एक बार फिर जम्मू कश्मीर में राज्यपाल शासन की मांग की है।
श्रीनगर: नेशनल कान्फ्रेंस के प्रधान और श्रीनगर से सांसद डा फारूक अब्दुल्ला ने एक बार फिर जम्मू कश्मीर में राज्यपाल शासन की मांग की है। उन्होंने कहा कि विधानसभा भंग को कर देना चाहिए क्योंकि मौजूदा सरकार जम्मू कश्मीर में शांति बहाल करने में नाकाम रही है। पीडीपी:भाजपा का एजेंडा ऑफ अलांयस भी टुकड़े-टुकड़े हो गया है। सरकार को अब भंग कर देना चाहिए और राज्य में गवर्नर रूल लगा देना चाहिए।
श्रीनगर में पत्रकारों से बात करते हुए डा अब्दुल्ला ने कहा कि जब पीडीपी-भाजपा सरकार सत्ता में आई थी तो उनके पास कोई राजनीतिक एजेंडा नहीं था बल्कि दोनों का लक्ष्य केवल सत्ता हासिल करना ही था। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने एजेंडा ऑफ अलांयस को तार-तार कर दिया है और यहां तक बात पीडीपी की है तो उनका एजेंडा उसी समय समाप्त हो गया जब मुफ्ती साहिब की मौत हुई।
जब उनसे यह कहा कि गठबंधन सरकार के बारे में चर्चा है कि वो महबूबा की जबह किसी और सीएम को लाने की योजना पर काम कर रही है तो अब्दुल्ला ने कहा कि इससे कश्मीर में शांति नहीं आएगी। गठबंधन सरकार जम्मू कश्मीर में लोगों से किए गए वादों को पूरा करने में नाकाम साबित हुई है। उन्होंने कहा कि दौड़ के बीच में घोड़े बदल देने से कुछ नहीं होगा। लोगों के बीच महबूबा सरकार विश्वास खो चुकी है। हाल ही में एसकेआईसीसी में जो हुआ वो सबने देखा। लोगों ने सीएम की मौजूदगी में नारे लगाए।
उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर में गवर्नर रूल ही एकमात्र विकल्प बचा है। राज्य मौजूदा समय में 90 जैसे हालातों से गुजर रहा है। तीन दशकों में ऐसा पहली बार हुआ है कि चुनाव टालने पड़े हैं।