कार चोरी की चिंता खत्म, बीमा कंपनियों की भी चांदी

Edited By ,Updated: 10 Apr, 2017 11:44 PM

finishes the worry of car theft

सड़क परिवहन के क्षेत्र में नरेन्द्र मोदी सरकार बहुत बड़ा बदलाव करने जा रही है इस बदलाव के तहत वाहन चोरी की समस्या से...

नई दिल्ली: सड़क परिवहन के क्षेत्र में नरेन्द्र मोदी सरकार बहुत बड़ा बदलाव करने जा रही है इस बदलाव के तहत वाहन चोरी की समस्या से मुक्ति मिलने की संभावना है। विधेयक में वाहन के दुर्घटनाग्रस्त होने पर मोटर यान हादसा कोष उपलब्ध कराया गया है जो भारत में कुछ प्रकार के हादसों के लिए सड़क पर चलने वाले सभी लोगों को अनिवार्य बीमा कवर मुहैया कराएगा ।

विधेयक में थर्ड पार्टी इंश्योरेंस, टैक्सी एग्रीगेटर्स का नियमन और सड़क सुरक्षा संबंधी महत्वपूर्ण प्रावधान किए गए हैं। इसमें मोटर यान हादसा कोष उपलब्ध कराया गया है। इससे बीमा कंपनियों का बोझ हल्का हो सकता है। इसके लिए ई गवर्नेंस को अपनाया जाएगा। वाहनों की चोरी रोकने के लिए एक इलैक्ट्रोनिक रजिस्टर बनाया जाएगा जिसके बाद बोगस लाइसेंस बनवाना या चोरी के वाहनों की खरीद बिक्री करना लगभग असंभव हो जाएगा । 

शराब पीकर गाड़ी चलाई तो होगा 10 रुपए का जुर्माना
नितिन गडकरी ने कहा कि विधेयक लाने का मुख्य उद्देश्य सड़क सुरक्षा, यात्रियों की सुविधा, सार्वजनिक और ग्रामीण परिवहन को बढ़ावा देने तथा देश में परिवहन परिदृश्य में सुधार के साथ-साथ यातायात नियमों के उल्लंघन के मामलों से सस्ती से निबटने की व्यवस्था की गई है। इसमें खासकर शराब पीकर गाड़ी चलाना ,तेज रफ्तार से गाड़ी चलाने जैसे मामलों पर विशेष कार्रवाई का प्रावधान किया गया है। शराब पीकर गाड़ी चलाने पर 10 हजार रुपए का जुर्माना लगेगा। किशोरों द्वारा किए जाने वाले अपराधों के लिए अभिभावक अथवा वाहन मालिक को दोषी माना जाएगा और उन्हें 25 हजार रुपए का जुर्माना तथा 3 वर्ष का कारावास हो सकता है। 

एंबुलेंस अथवा आपात सेवा को रास्ता न देने पर रद्द होगा लाइसेंस

किशोर अपराधों के लिए 'जूवनाइल जस्टिस एक्ट' के तहत मुकदमा चलाने तथा मोटर वाहन का पंजीकरण रद्द करने का प्रावधान है। आपातकालीन वाहनों (जैसे-एंबुलेंस या अग्निशमन सेवा यान) को मार्ग प्रदान न करने पर जुर्माने की राशि 10 हजार रुपए निर्धारित की गई है। गडकरी के जवाब के बाद सदन ने विपक्षी सदस्यों के एक संशेाधन को मत विभाजन के जरिए तथा कुछ अन्य को ध्वनिमत से नामंजूर कर दिया और विधेयक को मंजूरी दे दी। यह विधेयक 9 अगस्त 2016 को लोक सभा में पेश किया गया था और उसके बाद इसे संसद की स्थायी समिति के पास भेज दिया गया था। परिवहन मंत्री ने कहा कि उनके मंत्रालय ने समित की और से सुझाए गए कई संशोधन में से अधिकतर को स्वीकार कर विधेयक में समाहित कर लिया। 

सड़क हादसों में मौत पर मुआवजा 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख 
परिवहन मंत्री ने कुछ विपक्षी सदस्यों द्वारा सड़क हादसों में मौत पर मुआवजा राशि दस लाख से बढ़ाकर 20 लाख करने तथा घायलों के लिए निर्धारित पांच लाख को बढ़ाने की मांग तथा थर्ड पार्टी इंश्योरेंस को लेकर उठाई गई शंकाओं पर कहा कि पहले ही यह राशि काफी बढ़ा दी गई है यदि इसे और बढ़ाया गया तो इससे प्रीमियम राशि का बोझ बढ़ जाएगा। उन्होंने कहा कि वैसे भी मुआवजा की राशि की कोई सीमा नहीं तय की गई है ऐसे किसी भी वादे के निबटान का मामला ट्राईयूनल में ले जाया जा सकता है। जहां तक थर्ड पार्टी इंश्योरेंस का मामला है तो बीमा राशि का पूरा भुगतान करने की जिम्मेदारी बीमा कंपनी पर डाली गई है ।

दुर्घनाओं में मदद के लिए मोटर वाहन दुर्घटना कोष का गठन
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि इसमें सड़क दुर्घटनाओं में मदद के लिए‘मोटर वाहन दुर्घटना कोष’के गठन की व्यवस्था भी की गई है। यह कोष सड़क का प्रयोग करने वाले सभी व्यक्तियों को अनिवार्य बीमा कवर प्रदान करेगा। कोष का प्रबंधन केंद्र सरकार द्वारा निर्दिष्ट अथॉरिटी करेगी। गोल्डेन ऑवर के दौरान सड़क दुर्घटना के शिकार लोगों का कैश-लेश उपचार करने हेतु केंद्र सरकार द्वारा एक योजना विकसित की जाएगी । 

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