Edited By Punjab Kesari,Updated: 01 Jan, 2018 12:26 PM
पूरा देश जब नए साल का जश्न मना रहा था वहीं देश के उत्तर-पूर्वी राज्य असम में देर रात बहुप्रतीक्षित राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) का पहला ड्राफ्ट जारी कर दिया गया, जिससे राज्य में रहने वाले कानूनी और गैरकानूनी नागरिकों की पहचान हाेगी। इस...
नेशनल डेस्क: पूरा देश जब नए साल का जश्न मना रहा था वहीं देश के उत्तर-पूर्वी राज्य असम में देर रात बहुप्रतीक्षित राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) का पहला ड्राफ्ट जारी कर दिया गया, जिससे राज्य में रहने वाले कानूनी और गैरकानूनी नागरिकों की पहचान हाेगी। इस प्रक्रिया में कुल 3.29 करोड़ लोगों ने आवेदन किए थे, जिनमें से 1.9 करोड़ को ही भारत का वैध नागरिक माना गया है।
बांग्लादेशी घुसपैठियों के लिए उठाया यह कदम
असम में रहने वाले भारतीय नागरिकों की पहचान के लिए उनका नाम इस रजिस्टर में दर्ज किया जा रहा है। यह कदम असम में अवैध रूप से बांग्लादेशी घुसपैठियों को निकालने के लिए किया गया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 31 दिसंबर को पहला ड्राफ्ट जारी किया गया। इस रजिस्टर में जिन आवेदकों के नाम शामिल नहीं किए गए हैं, उनकी अभी जांच चल रही हैं।
पूरा एनआरसी जल्द ही किया जाएगा प्रकाशित
रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया शैलेष ने कहा कि पूरा एनआरसी वर्ष 2018 के भीतर प्रकाशित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह एनआरसी मसौदे का केवल एक हिस्सा है। अगर किसी का नाम प्रकाशित किए गए ड्राफ्ट में शामिल नहीं किया गया तो उसे चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि "इसका मतलब यह है कि उसका नाम सत्यापन की प्रक्रिया में है।
28 लाख लोगों ने किया आवेदन
असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने शनिवार को संवाददाताओं को बताया था कि रजिस्टर में नाम शामिल करने के लिए तीन करोड़ 28 लाख लोगों ने आवेदन किया था जिनमें दो करोड़ 24 लाख लोगों के दस्तावेजों के सत्यापन के बाद पहले मसौदा रजिस्टर में उनके नाम शामिल किए गए। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक एनआरसी के दो और मसौदे होंगे और पहले प्रकाशन में जिन वास्तविक नागरिकों के नाम शामिल नहीं किए गए, उनके दस्तावेजों के सत्यापन के बाद उन्हें शामिल किया जाएगा।