मेयर ने दिखाई जल्दबाजी, नए बन रहे असैंबली हॉल में ही करवा दी बैठक, कांग्रेसी पार्षदों ने किया बहिष्कार

Edited By ,Updated: 15 Nov, 2016 08:59 AM

following delay in completion of work  sood postpones meet for 2 hrs

नए बन रहे असैंबली हॉल का क्रेडिट लेने को लेकर मेयर अरुण सूद इतनी जल्दी में थे कि उन्होंने नगर निगम की सोमवार को हुई सदन की बैठक 5वीं मंजिल पर उसी हॉल में करवाई जो अभी पूरा बनकर तैयार नहीं हुआ है।

चंडीगढ़ (राय): नए बन रहे असैंबली हॉल का क्रेडिट लेने को लेकर मेयर अरुण सूद इतनी जल्दी में थे कि उन्होंने नगर निगम की सोमवार को हुई सदन की बैठक 5वीं मंजिल पर उसी हॉल में करवाई जो अभी पूरा बनकर तैयार नहीं हुआ है। बैठक सुबह पहले 11 बजे की बजाय 12 बजे रखी गई, उसके बाद इसे 2 बजे ख़त्म कर दिया गया, तब भी काम पूरा नहीं हुआ तो इसे और आधा घंटा बढ़ा दिया गया। मेयर ने निर्देश दिए हुए थे कि हॉल का काम आज हो जाना चाहिए, जिसके लिए पिछले एक सप्ताह से काम रात्रि के समय भी चल रहा था। बैठक में कांग्रेसी पार्षद नहीं पहुंचे। उनका आरोप था कि मेयर तानाशाही तरीके से निगम को चला रहे हैं और गुरुपर्व वाले दिन भी अपनी वाहवाही लूटने के लिए सदन की बैठक रख ली है। 

 

बैठक के शुरू होते ही कमिश्नर व मेयर ने इस असैंबली हॉल का काम पूरा करवाने के लिए अपना गुणगान करना शुरू कर दिया। यहां तक कि भाजपा के अधिकतर पार्षद भी इस कार्य के लिए मेयर व निगम आयुक्त का आभार जताते नजर आए, जबकि मीटिंग के अंत में जाकर ही कुछ एजैंडों पर चर्चा हो सकी। मेयर ने बैठक के दौरान कहा कि अच्छी बात है कि गुरुपर्व के दिन ही इस नए असैंबली हॉल में वे बैठक कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इसके काम को पूरा करवाने के लिए वे लगातर मीटिंगें करवा रहे थे, इसी का नतीजा है कि आज इसमें वे मीटिंग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वे जल्द ही पूरी बिल्डिंग के निर्माण कार्य को तय समय पर पूरा करने के लिए इसकी समय सीमा तय कर देंगे।

 

स्मार्ट वाटर मीटर का एजैंडा डैफर 
नगर निगम की बैठक में सैक्टर-4 में 189 कोठियों में स्मार्ट वाटर मीटर लगाने के पायलट प्रोजैक्ट के एजैंडे को मंजूरी नहीं मिल सकी। एजैंडे में यह स्मार्ट वाटर मीटर घरों में एक निजी कंपनी ने फ्री में 6 माह के लिए लगाने थे। यह मीटर घरों में लगे मीटरों के ऊपर ही लगाए जाने थे। एजैंडे पर हुई बहस के दौरान अधिकतर पार्षद इसके खिलाफ थे, सभी का कहना था कि एक मीटर लगाने में 15 हजार रुपए का खर्चा दिखाया गया था और यदि यही मीटर सारे शहर में लगाए जाते हैं तो इसका खर्चा करोड़ों में आएगा। पार्षदों ने कहा कि इतना पैसा खर्च कर यह मीटर लगाना फिजूल खर्च है। पार्षदों ने जानना चाहा कि इन मीटरों से क्या लाभ होगा तो उसका कोई संतोषजनक उत्तर न मिल पाने पर फैसला किया गया कि इस एजैंडे को डैफर किया जाए। निगम की अगली टर्म में इसका फैसला लिया जाएगा। 

 

एजैंडे नहीं थे महत्वपूर्ण 
बैठक में अप्रूवल के लिए जो 7 एजैंडे लाए गए थे, वे महत्वपूर्ण नहीं थे। इसके अलावा मनोनीत पार्षद डी.एस. संधू ने गुरुपर्व के दिन मीटिंग रखने का विरोध किया। संधू न्यू असैंबली हॉल में आए, लेकिन सिर्फ अपना विरोध दर्ज करवाकर चले गए। उन्होंने कहा कि जहां पूरा देश गुरुपर्व मना रहा है, वहीं मेयर ने आज के दिन मीटिंग रख ली। उन्होंने कहा कि ये साफ है कि पूर्व मेयर हरजिंद्र कौर, जोकि एस.जी.पी.सी. की सदस्य भी हैं, उन्होंने मेयर को इस दिन मीटिंग करने की सलाह दी।  बैठक में बाल दिवस के मौके पर कई स्कूलों के करीब 85 बच्चों ने नगर निगम सदन की कार्रवाई देखी। निगम की तरफ से इन बच्चों को आमंत्रित किया गया था। 

 

मेयर हैं तानाशाह : छाबड़ा
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप छाबड़ा ने कहा कि मेयर ने तानाशाही रवैया अपनाया और कर्मचारियों से मजबूरन काम करवाया, ताकि वे इसका क्रेडिट ले सकें। इसके अलावा गुरुपर्व के दिन पहली बार छुट्टी के दिन मीटिंग हुई है, जोकि उन्होंने गलत काम किया है। कांग्रेस के 9 पार्षदों ने पहले ही गुरुपर्व के दिन इस मीटिंग को रखने के चलते इसका बहिष्कार करने का फैसला लिया था। 
 

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