अमित शाह ने किया नोटबंदी का बचाव, कहा- बढ़ी औपचारिक अर्थव्यवस्था

Edited By Punjab Kesari,Updated: 09 Sep, 2017 02:40 PM

formal economy increased from notbandi shah

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अध्यक्ष अमित शाह ने आज कहा कि नोटबंदी से विकास दर तेज हुई है तथा...

नई दिल्लीः भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अध्यक्ष अमित शाह ने आज कहा कि नोटबंदी से विकास दर तेज हुई है तथा औपचारिक अर्थव्यवस्था का आकार बढ़ा है। उद्योग संगठन फिक्की द्वारा यहां आयोजित एक कार्यक्रम में शाह ने मोदी सरकार की तीन साल की उपलब्धियां गिनाते हुए कहा कि भारत को दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बनने से कोई नहीं रोक सकता। उन्होंने कहा इस दौरान सरकार ने कई ऐसे कदम उठाए हैं जिसके लिए उसे लोगों की नाराजगी और आलोचाना भी सहनी पड़ी है। नरेंद्र मोदी सरकार लोगों को अच्छा लगे ऐसे काम करने की बजाय, लोगों के लिए जो अच्छा हो ऐसे काम करने में यकीन रखती है। नोटबंदी इसका सबसे बड़ा उदाहरण है।

GDP में बढ़ौतरी
उन्होंने कहा कि सरकार नीतिगत निर्णयों को वोट बैंक से नहीं जोड़ती है। सरकार ने ऐसे फैसले किए हैं जो देश की अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने के लिए जरूरी हों। उन्होंने कहा यह सभी को स्वीकार करना होगा कि नोटबंदी से औपचारिक अर्थव्यवस्था का आकार बढ़ा है। शाह ने कहा कि नोटबंदी से सकल घरेलू उत्पाद (जी.डी.पी.) की विकास दर बढ़ी है। मोदी सरकार के सत्ता संभालते समय विकास दर 4.7 प्रतिशत थी जो अब 7.1 प्रतिशत पर पहुंच गई है। हालांकि, उन्होंने चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के 31 अगस्त को जारी कमजोर आंकड़ों को इससे अलग रखते हुए कहा पिछली तिमाही को छोड़ दीजिए। तकनीकी कारणों से इसमें विकास दर कम रही है। भाजपा अध्यक्ष ने पिछली सरकार को निशाना बनाते हुए कहा कि उसने मॉरिशस, सिंगापुर और साइप्रस से कालाधन अनैतिक तरीके से भारत लाने के लिए कुछ रास्ते बनाए थे। मौजूदा सरकार ने इन देशों को समझौतों को समय से पहले समाप्त करके उन अनैतिक रास्तों को बंद करने का काम किया है।

सरकार के कदमों की तारीफ की 
मोदी सरकार के कार्यकाल में बैंकों की गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों (एन.पी.ए.) के बढ़े प्रतिशत के बारे में शाह ने कहा कि पहली बाद मौजूदा सरकार ने एन.पी.ए. को छुपाने की बजाय पूरी पारदर्शिता के साथ उसे स्वीकार करने का साहस दिखाया है। उन्होंने कहा रोग को छुपाने से समाधान नहीं होगा। जो तकलीफ हो रही है उससे निपटने के समाधान ढूंढ़ेंगे। उन्होंने जी.एस.टी., प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण, नोटबंदी, नकद राजनीतिक चंदे की सीमा 20 हजार से घटाकर दो हजार रुपए करने, प्रत्यक्ष विदेशी निवेश आसान बनाने, देश में कारोबारी माहौल आसान बनाने, बंगलादेश के साथ सीमा विवाद समाप्त करने, वित्तीय घाटा और चालू खाता घाटा कम करने, सड़क निर्माण और रेलवे लाइन बिछाने के काम में तेजी लाने, विदेशों में ब्रांड इंडिया को स्थापित करने जैसे सरकार के कदमों की तारीफ की। 

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