Edited By Punjab Kesari,Updated: 21 Aug, 2017 05:41 PM
राज्य के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी द्वारा लगाए आरोपों को BPSC के पूर्व चेयरमैन रामाश्रय यादव ने खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि बीपीएससी चेयरमैन के पद पर उनका चयन मेरिट के आधार पर हुआ है।
बिहारः राज्य के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी द्वारा लगाए आरोपों को BPSC के पूर्व चेयरमैन रामाश्रय यादव ने खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि बीपीएससी चेयरमैन के पद पर उनका चयन मेरिट के आधार पर हुआ है। सुशील मोदी द्वारा लगाए गए आरोपों में कोई सच्चाई नहीं है। वह सुशील मोदी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर करेंगे। उनके अनुसार सुशील मोदी बेबुनियादी आरोपों से उनकी छवि खराब करना चाह रहें हैं।
रामाश्रय यादव ने बताया कि वह 19 सालों तक कुवैत विश्वविद्यालय जिसे ईस्ट का ऑक्सफोर्ड कहा जाता है, में अंग्रेजी के वरिष्ट अध्यापक रहें। उसके बाद पटना विश्वविद्यालय में सम्मिलित हुए और फिर बीपीएससी के चेयरमैन बने। पूर्व चेयरमैन ने बताया कि लालू प्रसाद की सरकार के दौरान कई सदस्यों की नियुक्त की गई। सुशील मोदी द्वारा लगाया आरोप कि पैसों द्वारा सदस्यों की नियुक्त हुई, यह बिल्कुल गल्त है।1993-94 में बेटी की शादी के लिए उन्होंने सगुना मोड़ की जमीन मोहम्मद शमीम को बेची थी। उसके बाद जमीन किसको दी गई इस बात की उन्हें कोई जानकारी नही है।
बता दें कि उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने एक प्रेस कांफ्रेस के दौरान आरोप लगाया था कि राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद ने रामाश्रय यादव को बीपीएसपी चेयरमैन बनाने के बदले में उनसे पटना में जमीन ली थी।