Edited By Punjab Kesari,Updated: 21 Mar, 2018 12:03 AM
फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति निकोलस सरकोजी को फ्रांस पुलिस ने मंगलवार को हिरासत में ले लिया है। उन पर 2007 में चुनाव प्रचार के लिए लीबिया से कई मिलियन यूरो लेने आरोप है। पुलिस ने उन्हें पूछताछ के लिए उन्हें हिरासत में लिया है। सरकोजी 2007 से 2012 तक...
इंटरनेशनल डेस्कः फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति निकोलस सरकोजी को फ्रांस पुलिस ने मंगलवार को हिरासत में ले लिया है। उन पर 2007 में चुनाव प्रचार के लिए लीबिया से कई मिलियन यूरो लेने आरोप है। पुलिस ने उन्हें पूछताछ के लिए उन्हें हिरासत में लिया है। सरकोजी 2007 से 2012 तक फ्रांस के राष्ट्रपति पद पर रहे थे। सरकोजी की गिरफ्तारी फ्रांस की राजनीति में अब तक की सबसे बड़ी धोखाधड़ी मानी जा रही है।
50 मिलियन यूरो लीबिया से आए
फ्रांस की खोजी वेबसाइट मीडियापार्ट ने मामले का सबसे पहले खुलासा किया था। इस वेबसाइट ने पूर्व राष्ट्रपति के खिला जो दस्तावेज जारी किए थे। उस पर लीबिया के तानाशाह मोहम्मद गद्दाफी ने हस्ताक्षर कर राष्ट्रपति के चुनाव अभियान का समर्थन करने के लिए 50 मिलियन यूरो देने का प्रावधान था। फ्रांस ने इस जांच की शुरूआत ने साल 2013 में की थी।
वहीं जांच एजेंसियों ने भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी के मुख्य संदिग्ध का खुलासा लंबे वक्त तक नहीं किया था। 63 वर्षीय सरकोजी अपने ऊपर लगे आरोपों का लगातार खंडन करते हुए इन आरोपों को हास्यास्पद बता रहे हैं। मामले पर पहली बार सरकोजी पूछताछ हो रही है।
2011 में गद्दाफी शासन को खत्म करने में फ्रांस ने की थी मदद
लीबिया के तानाशाह गद्दाफी के साथ सरकोजी का रिश्ता काफी मिला-जुला रहा है। बता दें कि 2011 में गद्दाफी के शासन को खत्म करने में नाटो नेतृत्व की ओर से जो हवाई हमले किए गए थे उसमें फ्रांस ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इसके बाद मार्च 2011 में गद्दाफी के बेटे सैफ अल-इस्लाम ने कहा कि सरकोजी वे पैसे वापस कर दें जो हमने 2007 के चुनावी अभियान में लगाए थे।