Edited By ,Updated: 14 Dec, 2016 02:40 PM
रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर विमल जालान ने नोटबंदी की टाइमिंग और तरीके पर सवाल खड़े किए।
नई दिल्ली : रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर विमल जालान ने नोटबंदी की टाइमिंग और तरीके पर सवाल खड़े किए। विमल वर्ष 1997 से 2003 तक गवर्नर रहे। यह वही वक्त था जब अटल बिहारी वाजपेयी यानी एनडीए की सरकार थी। विमल ने कहा कि नोटबंदी के लिए सरकार के पास कोई अच्छा कारण होना चाहिए था जैसे सुरक्षा का खतरा या फिर युद्ध की स्थिति। विमल ने कहा कि जब आप किसी भी लीगल टेंडर को बंद करते हैं तो उसके पीछे कोई सही कारण होना चाहिए। लोगों के बीच यह संदेश जाना भी जरूरी है कि नोटबंदी से क्या मिलेगा और उसे क्यों किया जा रहा है।
इसके साथ ही जालान ने नोटबंदी के प्लान को काफी दिन तक सीक्रेट रखने पर भी सवाल खड़े किए। उनके मुताबिक आपातकाल की स्थित में ऐसा किया जा सकता था। लेकिन अभी इसे सर्जिकल स्ट्राइक की तरह छिपाकर करने की जरूरत ही नहीं थी। जालान मानते हैं कि कालेधन को हमारे देश की वित्तीय प्रणाली में शामिल नहीं होना चाहिए लेकिन उन्हें यह भी लगता है कि सबके पास ही काला धन नहीं है। जालान के मुताबिक, नोटबंदी के प्लान को इस तरीके से बनाया जाना चाहिए था जिससे कालाधन न रखने वाले कम से कम प्रभावित हों। मोदी सरकार ने 8 नवंबर को नोटबंदी का ऐलान किया था।