केंद्रीय सहायता पर आधारित रहा जम्मू-कश्मीर का बजट, यह हैं प्रमुख बातें

Edited By Punjab Kesari,Updated: 12 Jan, 2018 01:37 PM

glimpse of jammu kashmir  s budget

जम्मू-कश्मीर विधानसभा में वित्तमंत्री डा. हसीब अहमद द्राबू और विधानपरिषद में वित्त राज्यमंत्री अजय नंदा ने आगामी वित्त वर्ष 2018-19 के लिए राज्य सरकार का वार्षिक बजट पेश किया।

जम्मू : जम्मू-कश्मीर विधानसभा में वित्तमंत्री डा. हसीब अहमद द्राबू और विधानपरिषद में वित्त राज्यमंत्री अजय नंदा ने आगामी वित्त वर्ष 2018-19 के लिए राज्य सरकार का वार्षिक बजट पेश किया। कुल 80313 करोड़ रुपए अनुमानित लागत के इस बजट का ज्यादातर हिस्सा केंद्र सरकार की आर्थिक मदद पर आधारित है। बजट भाषण के अनुसार आगामी वित्त वर्ष के दौरान 64269 करोड़ रुपए की राजस्व प्राप्तियां एवं 51185 करोड़ रुपए के राजस्व खर्च और 16044 करोड़ रुपए की पंूजीगत प्राप्तियां एवं 29128 करोड़ रुपए के पंूजीगत खर्च रहने का अनुमान है। 


वित्तमंत्री के अनुसार बजट का करीब 59 प्रतिशत हिस्सा केंद्र सरकार की आर्थिक सहायता पर आधारित होगा, जबकि 20 प्रतिशत उधार, 14 प्रतिशत राज्य सरकार के अपने करों एवं 7 प्रतिशत गैर-करों से जुटाया जाएगा। बजट की कुल राशि के 36 प्रतिशत हिस्से से सरकार पंूजीगत खर्च व 13 प्रतिशत से गैर-पंूजीगत खर्च करेगी तो 30 प्रतिशत हिस्सा अपने कर्मचारियों के वेतन व 6 प्रतिशत हिस्सा पूर्व कर्मचारियों की पैंशन पर खर्च करेगी। बजट की 9 प्रतिशत राशि बिजली की खरीद पर खर्च की जाएगी। 

कर्मचारियों को मिला 7वां वेतन आयोग और डी.ए. किस्त
राज्य सरकार ने अपने कर्मचारियों पर मेहरबानी दिखाते हुए उन्हें 1 जनवरी 2016 से 7वें वेतन आयोग का लाभ देने की घोषणा की है। इसके अलावा कर्मचारियों को 1 जुलाई 2017 से महंगाई भत्ते (डी.ए.) की 1 प्रतिशत किस्त भी दी जाएगी। सरकार ने पूरी पैंशन के लिए कर्मचारियों पर लागू 28 वर्ष सेवाकाल की अवधि को भी कम करके 20 वर्ष कर दिया है और पैंशनधारक कर्मी एवं उसके पति-पत्नी की मृत्यु के बाद उनकी अविवाहित बेटियों को पैंशन मिलेगी। सरकार ने जी.पी.एफ. धारक कर्मचारियों का बीमा कवर भी 10 लाख से बढ़ाकर 50 लाख रुपए, व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा 5 लाख से बढ़ाकर 10 लाख रुपए और ग्रुप मैडीक्लेम नीति में कर्मचारी एवं पैंशनर के परिवार के 5 सदस्यों को शामिल करने का निर्णय लिया है। इसके साथ ही कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति के बाद उन्हें जी.पी.एफ. निकलवाने में आने वाली समस्याओं के मद्देनजर सरकार ने 12 हजार करोड़ रुपए का एक फंड स्थापित करने का निर्णय लिया है। 

किन्नरों को दिया बी.पी.एल. का दर्जा
सरकार ने राज्य में रहने वाले तमाम किन्नरों को बी.पी.एल. का दर्जा देने की घोषणा की है। इसके तहत उन्हें सस्ते दामों पर अनाज, रसोई गैस, बिजली कनैक्शन और इंदिरा आवास योजना का लाभ मिलेगा। इसके साथ ही 60 वर्ष से अधिक आयु के किन्नरों को समाज कल्याण विभाग की तरफ से मासिक पैंशन भी दी जाएगी। सरकार ने लिंग पुनर्निर्धारण सर्जरी करवाने के लिए 1 करोड़ रुपए की राशि का प्रावधान रखा है।  

टैक्स में छूट से होंगे सस्ते
- गेहूं, फल, सब्जियों, दवाइयों, चीनी, नमक, चाय, साबुन, डिटरजैंट, सैनिट्री का सामान, नारियल, ट्री स्प्रे ऑयल, न्यूजप्रिंट, गुड़ व जिप्सम को टोल टैक्स से छूट।  
- अखरोट, पेपर माचे, विल्लो विकर व कारपेट पर जी.एस.टी. की दर 12 से घटकर 5 प्रतिशत हुई। 

टैक्स बढऩे से होंगे महंगे
- राज्य की औद्योगिक इकाइयों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से दूसरे राज्यों से आने वाले सामान (कुछ चीजों को छोडक़र) टोल टैक्स की दर 80 रुपए से बढ़ाकर 100 रुपए प्रति क्विंटल की। 
- तम्बाकू उत्पादों पर टोल टैक्स की दर 290 रुपए से बढ़ाकर 400 रुपए प्रति क्विंटल की। 

उद्योगों को क्या मिला
- उद्योगपतियों, होटल मालिकों और रिसोट्र्स मालिकों के बिजली बकाया पर ब्याज और जुर्माना माफ। 
- लघु उद्योगों के 31 दिसम्बर 2017 तक के बिजली बकाया पर ब्याज और जुर्माना माफ। 
- बीमार घोषित औद्योगिक इकाइयों के बिजली बकाया पर ब्याज और जुर्माना माफ। 
- ग्रामीण औद्योगिक केंद्र स्थापित करने पर खर्च होंगे 10 करोड़ रुपए। 
- सोलिना श्रीनगर में 5.56 करोड़ रुपए की लागत से बनेगा वूलन स्पीनिंग प्लांट।
- नौशहरा में 5 करोड़ रुपए की लागत से स्पीनिंग मिल पुन: संचालन की योजना। 
- बड़ी ब्राह्मणा में 10 करोड़ रुपए की लागत से स्थापित की जाएगी सिल्क फैक्टरी। 
- होटल एवं रिसोट्र्स को उद्योग का दर्जा, औद्योगिक दर पर मिलेगी बिजली।
- नियोक्तों को ई.पी.एफ.ओ. में लगने वाले प्रशासनिक कर में छूट।
- कारपेट उद्योग को बढ़ावा देने के लिए 5 करोड़ रुपए की राशि का प्रावधान। 
- कारपेट डिजाइन बैंक स्थापित करने के लिए 1 करोड़ रुपए अतिरिक्त निर्धारित। 
- हैंडीक्राफ्ट डैवल्पमैंट कारपोरेशन व हैंडलूम डैवल्पमैंट कारपोरेशन को मिलेंगे 5-5 करोड़। 

किसानों/बागवानों को क्या मिला
- पब्लिक सैक्टर में अखरोट नर्सरी स्थापित करने की योजना। 
- केसर की मार्केटिंग पर 5 करोड़ रुपए खर्च करेगी सरकार।
- बागों को दोबारा उगाने के लिए 25 करोड़ रुपए का प्रावधान। 
- फल-सब्जियों के लिए रैफ्रिजनरेटिड वैन खरीद में 50 प्रतिशत आर्थिक मदद। 
- अखरोट और सेब की ट्रांसपोर्टेशन के लिए 2 करोड़ रुपए निर्धारित। 
- किसानों के प्रशिक्षण कार्यक्रमों पर 2 करोड़ रुपए खर्च करने का प्रावधान। 
- मछली फार्म स्थापित करने के लिए 50 प्रतिशत आर्थिक सहायता का प्रावधान। 

प्रशासनिक निर्णय
- अलग से संसदीय कार्य विभाग स्थापित करने का प्रस्ताव। 
- उर्दू भाषा के प्रोत्साहन के लिए 2 करोड़ रुपए से स्थापित होगी परिषद। 
- राज्य में यूनीफार्म इम्प्लायमैंट कोड लागू करने का प्रस्ताव। 
- अक्षय ऊर्जा को बढ़ावा करने के लिए 50 करोड़ रुपए से सोलर फंड स्थापित।
- ट्रांसपोर्ट क्षेत्र में सुधार के लिए उच्चस्तरीय समिति के गठन का प्रस्ताव।  

समाज कल्याण में योगदान
- बी.पी.एल. परिवारों को एक लाख रुपए का बीमा कवर। 
- अनाथाश्रमों एवं वृद्धाश्रमों के लिए 5 करोड़ रुपए का प्रावधान। 
- राज्य के 35 शहरों एवं कस्बों में 15 हजार सस्ते घर बनाएगी सरकार। 
- 100-100 लडक़े-लड़कियों को एजुकेशनल टूर पर भेजेगा हर विधायक एवं एम.एल.सी.। 
- स्वयं सहायता समूहों पर लगने वाली 3 लाख रुपए तक की स्टांप ड्यूटी से छूट। 
- कालेज छात्राओं को स्कूटियां बांटने के लिए 5 करोड़ रुपए का प्रावधान। 

बजट के विशेष आकर्षण
- नई श्रेणी अति कुशल मजदूरों का न्यूनतम दैनिक वेतन 400 रुपए करने की घोषणा। 
- कुशल मजदूरों का 225 रुपए से बढ़ाकर 350 व गैर-कुशल का 150 रुपए से बढ़ाकर 225 रुपए किया। 
- जम्मू और श्रीनगर की गलियों की सफाई के लिए 4 करोड़ रुपए से आएंगी 20 छोटी मशीनें। 
- ट्रांसपोर्ट सैक्टर को 1 जुलाई से 31 दिसम्बर 2016 तक पैसेंजर टैक्स से छूट।
- ट्रांसपोर्टरों को 31 दिसम्बर 2017 तक के पैसेंजर टैक्स बकाया से माफी। 
- बैंकों का एन.पी.ए. घटाने के लिए 200 करोड़ रुपए की योजना का ऐलान।
- 19 हाऊसबोट मालिकों के 147.23 लाख रुपए के बैंक लोन माफ।
- सुरक्षा गार्डों के प्रीफैब हट निर्माण के लिए 2 करोड़ रुपए निर्धारित।  
- करियर काऊंसलिंग फ्रेमवर्क के लिए 5 करोड़ रुपए का प्रावधान। 
- 10 करोड़ रुपए की लागत से तहसीलदारों को मिलेंगे वाहन। 
- भूमि अधिग्रहण पर 2 प्रतिशत सर्विस फीस वसूलेगा राजस्व विभाग। 
- शहरों के पब्लिक पार्कों में पौधारोपण पर 2 करोड़ रुपए खर्च करने का प्रावधान। 

  

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