Edited By Punjab Kesari,Updated: 07 Feb, 2018 01:57 PM
उच्चतम न्यायालय ने गोवा के खान मालिकों को आज तगड़ा झटका देते हुए राज्य में खनन के पट्टों का नवीनीकरण रद्द कर दिया। न्यायाधीश मदन बी लोकुर और दीपक गुप्ता की पीठ ने आज अपने आदेश में कहा कि गोवा में खनन गतिविधियां केवल इस वर्ष 16 मार्च तक ही जारी रह...
नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने गोवा के खान मालिकों को आज तगड़ा झटका देते हुए राज्य में खनन के पट्टों का नवीनीकरण रद्द कर दिया। न्यायाधीश मदन बी लोकुर और दीपक गुप्ता की पीठ ने आज अपने आदेश में कहा कि गोवा में खनन गतिविधियां केवल इस वर्ष 16 मार्च तक ही जारी रह सकेंगी। गोवा में खनन के 88 पट्टों के ताजा नवीनीकरण के फैसले को अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने चुनौती दी थी। इन पट्टों की नीलामी राज्य सरकार ने की थी।
शीर्ष न्यायालय ने खनन कर रही कंपनियों को निर्देश दिया है कि वह अपना परिचालन 16 मार्च तक समेट लें। खनन के पट्टों का नवीनीकरण रद्द करते हुए शीर्ष अदालत ने केन्द्र सरकार को निर्देश दिया है कि गोवा में खनन कंपनियों को पट्टे देने के लिए फिर से नीलामी की प्रक्रिया शुरु की जाये। इससे पहले अक्टूबर 2012 में उच्चतम न्यायालय ने गोवा में लौह अयस्क के खनन और इसकी आवाजाही को निलंबित कर दिया था।
यह आदेश शीर्ष न्यायालय ने न्यायाधीश एम बी शाह कमीशन आयोग की रिपोर्ट के आधार पर दिया था। रिपोर्ट में कहा गया था बडी संख्या में खनन कंपनियां लाखों टन लौह अयस्क का गैरकानूनी ढंग से खनन कर रही हैं। गोवा सरकार की तरफ से पट्टों के नवीनीकरण का बचाव करते हुए कहा गया था कि कानून के तहत पट्टों की अवधि 2020 तक बढ़ाई गई है।