Edited By Punjab Kesari,Updated: 08 Aug, 2017 02:05 PM
मंगलवार को राज्यसभा में कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने जमकर बवाल काटा।
नई दिल्ली: मंगलवार को राज्यसभा में कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने जमकर बवाल काटा। नए बैंक नोट की छपाई के मुद्दे पर सरकार को घेरते हुए आरोप लगाए कि वे एक ही डिनोमिनेशन के दो अलग-अलग प्रकार के नोट छाप रहे हैं। इसे पार्टी के नेताओं ने सदी का सबसे बड़ा घोटाला तक करार दिया।
मामला सदन में उस समय उठा जब कांग्रेस सांसद कपिल सिब्बल ने अपने साथ लाई एक ही नोट की दो तरह की फोटोकॉपी दिखाई। उन्होंने कहा कि उन्हें पता चल गया है कि सरकार ने नोटबंदी क्यों की। सिब्बल ने कहा' 'रिजर्व बैंक दो तरह के नोट छाप रहा है, अलग-अलग साइज के, अलग-अलग डिजाइन के, अलग-अलग फीचर्स के।उन्होंने कहा, 'आज हमें पता चला है कि ऐसा क्यों हो रहा है? जो नोट बीजेपी कार्यकर्ता के पास इलेक्शन के दौरान आए, वो यही नोट हैं।'
सिब्बल की ओर से यह आरोप लगाते ही सदन में मौजूद कांग्रेस पार्टी के तमाम संसद शेम-शेम करते हुए चिल्लाने लगे। विपक्ष की ओर से नेता सदन गुलाम नबी आजाद ने कहा कि यह इस सदी का सबसे बड़ा घोटाला है। दो किस्म के हजार के नोट और दो किस्म के पांच सौ के नोट छापे गए हैं। एक पार्टी चलाए और एक सरकार चलाए। आजाद ने कहा, 'इतनी भ्रष्ट सरकार को पांच मिनट भी सत्ता में रहने का हक नहीं है।'
इस पर जेडी(यू) सांसद शरद यादव ने कांग्रेसी नेताओं का समर्थन करते कहा कि यह कोई छोटी बात नहीं है। सरकार को जवाब देना होगा। इस पर उपसभापति ने कहा कि वह इस मामले के एक्सपर्ट नहीं हैं। इसलिए सांसदों को अलग से नोटिस देना होगा, तभी इस मुद्दे पर कोई चर्चा हो सकती है।
विपक्षी सांसदों के शोरगुल के बीच बीजेपी सांसद और आईटी मिनिस्टर रविशंकर प्रसाद ने कहा कि आपने (कांग्रेस ने) हमेशा भ्रष्टों को बचाया। ऐसे बेबुनियाद आरोप नहीं लगाया करें। फिर सत्ता पक्ष के नेता सदन मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि पहले तो यह पता करना चाहिए कि ये नोट कहां से लाए?
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने विपक्ष पर शून्य काल का वक्त बर्बाद करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि आप जब चाहें कागज उछाल कर पॉइंट ऑफ ऑर्डर का हवाला देने लगते हैं। उपसभापति के लगातार अलग नोटिस देने की अपील के बाद भी हंगामा नहीं थमा तो सदन की कार्यवाही 15 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई।