ड्रैगन से निपटने के लिए सरकार ने बढ़ाई BRO की पावर

Edited By Punjab Kesari,Updated: 21 Aug, 2017 02:46 PM

government will increase the power of bro soon to get roads from china border

भारत-चीन सीमा पर सामरिक सड़कों के निर्माण में अत्यधिक देर पर चिंता जताते हुए रक्षा मंत्रालय ने परियोजनाओं को शीघ्रता से पूरा करने के लिए सीमा सड़क संगठन (बीआरआे) को और अधिक प्रशासनिक एवं वित्तीय शक्तियां दी हैं।

नई दिल्ली: भारत-चीन सीमा पर सामरिक सड़कों के निर्माण में अत्यधिक देर पर चिंता जताते हुए रक्षा मंत्रालय ने परियोजनाओं को शीघ्रता से पूरा करने के लिए सीमा सड़क संगठन (बीआरआे) को और अधिक प्रशासनिक एवं वित्तीय शक्तियां दी हैं। नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने सामरिक रूप से महत्वपूर्ण 61 सड़कों का बीआरआे द्वारा भारत- चीन सीमा सड़क (आईसीबीआर) परियोजना के तहत निर्माण में अत्यधिक देर होने पर सख्त एेतराज जताया था, जिसके कुछ महीने बाद बीआरआे को अतिरिक्त शक्तियां देने का फैसला लिया गया है। इन सड़कों की कुल लंबाई 3,409 किलोमीटर है।
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BRO महानिदेशक की वित्तीय शक्तियां बढ़ीं
रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि यह बीआरआे में बहुत बड़ा बदलाव लाने का इरादा रखता है ताकि कार्य की गति को बेहतर किया जा सके और सेना की जरूरत के मुताबिक वांछित नतीजे प्राप्त किए जा सकें। मंत्रालय ने बताया कि सरकार ने बीआरआे को अतिरिक्त प्रशासनिक शक्तियां देने के अलावा स्वदेशी एवं आयातित निर्माण मशीन एवं उपकरण की खरीद के लिए बीआरआे महानिदेशक की वित्तीय शक्तियां बढ़ा कर 100 करोड़ रुपए तक कर दिया है। अब से पहले महानिदेशक को 7.5 करोड़ रुपए तक के स्वदेशी उपकरण और तीन करोड़ रूपये के आयातित उपकरण खरीदने की शक्ति प्राप्त थी।

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डोकलाम को लेकर उठाया कदम
रक्षा मंत्रालय ने टर्नकी आधार पर सड़क परियोजनाओं के काम में बड़ी कंपनियों को लगाने की बीआरआे को इजाजत देने के लिए नीतिगत दिशानिर्देश को भी मंजूरी दी है।   डोकलाम को लेकर भारत और चीन की सेनाओं के बीच तकरार होने के मद्देनजर बीआरआे को ये शक्तियां दी गई हैं।

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भारतीय थल सेना की मांग पर काम में तेजी
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि भारत-चीन सीमा पर उन सड़कों के निर्माण में देर होने को लेकर भारतीय थल सेना नाखुश है और रक्षा मंत्रालय से परियोजना में तेजी लाने का अनुरोध किया था जिन्हें मूल रूप से 2012 में पूरा होना था। मंत्रालय ने कहा कि बीआरआे का एक चीफ इंजीनियर अब 50 करोड़ रुपए तक का, अतिरिक्त महानिदेशक (एडीजी) 75 करोड़ रुपए तक का और महा निदेशक 100 करोड़ रुपए तक के ठेकों के लिए प्रशासनिक मंजूरी दे सकता है। इन परियोजनाओं को विभागीय या अनुबंधीय प्रणाली के तौर पर पूरा किया जा सकता है। साथ ही, जवाबदेही तय करने को लेकर कार्य की प्रगति की ऑनलाइन निगरानी के लिए एक साफ्टवेयर तैयार किया जा रहा है।

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