ऊचे पद के लिए चुना गया PDP नेता का बेटा, लोगों के निशाने पर आई सरकार

Edited By Punjab Kesari,Updated: 24 Feb, 2018 08:46 PM

govt is criticised for kvib selection list

सत्तारुढ़ पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पी.डी.पी.) के उपाध्यक्ष सरताज मदनी के बेटे को जम्मू कश्मीर खादी और ग्रामोद्योग बोर्ड (के.वी.आई.बी.) में कार्यकारी अधिकारी के रुप में चयनित किए जाने पर चारों तरफ से सवालिया निशान उठ रहे हैं।

श्रीनगर : सत्तारुढ़ पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पी.डी.पी.) के उपाध्यक्ष सरताज मदनी के बेटे को जम्मू कश्मीर खादी और ग्रामोद्योग बोर्ड (के.वी.आई.बी.) में कार्यकारी अधिकारी के रुप में चयनित किए जाने पर चारों तरफ से सवालिया निशान उठ रहे हैं। प्रदेश की विपक्षी नेशनल कांफ्रैंस नैकां) ने इसे भ्रष्टाचार का संस्थाकरण करार दिया जबकि लोगों ने धोखाधड़ी के चयन को लेकर सरकार से स्पष्टीकरण की मांग की। 


कुछ दिनों पहले बोर्ड के वायस चेयरमैन पीरजादा मंसूर हुसैन जो पी.डी.पी. के महासचिव भी हैं द्वारा जारी चयन सूची में सैयद अरूत मदनी का नाम भी थी। हुसैन के भतीजे का नाम सहायक कार्यकारी अधिकारी की प्रतीक्षा सूची में है।  हालांकि, चयन सूची को लेकर बड़े पैमाने पर आलोचना की जा रही है वहीं एक नौकरशाह शाह फैसल ने चयन प्रक्रिया में अनुचित अभ्यास के आरोप सच साबित होने पर मामले में पुलिस मामला दर्ज करने की मांग की। फैसल जो जम्मू कश्मीर विद्युत विकास निगम के प्रबंध निदेशक हैं ने फेसबुक पर लिखा कि यदि यह सच है कि मेरिट सूची में धांधली हुई है तो जांच के बजाय एफ.आई.आर. दर्ज होनी चाहिए।  

विपक्ष ने भी उठाया प्रश्र
चयन पर प्रतिक्रिया देते हुए विपक्षी नैकां ने मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती पर बरसते हुए कहा कि पी.डी.पी. के बड़े-बड़े दावे उनके चेहरे पर सपाट हो गए हैं और यह चयन पी.डी.पी. के कपटी और भेदभाव वाली राजनीति का एक और सबूत है। 
नैकां के प्रवक्त जुनैद आजिम मट्टू ने कहा कि सूची में शामिल अधिकांश लोग पी.डी.पी. के नेताओं के करीबी सहयोगी हैं या सत्ता से उनका सीधा संरक्षण प्राप्त है। इस खुली लूट और राज्य में और धांधलियों के लिए मुख्यमंत्री सीधे तौर पर दोषी हंै। राज्य संस्थानों को पी.डी.पी. द्वारा तबाह किया गया और भ्रष्टाचार को मुख्यमंत्री और उनके परिवार सदस्यों द्वारा संस्थागत बनाया गया है। 

जांच की मांग
उन्होंने पूरी चयन प्रक्रिया में तत्काल जांच की मांग की। क्या यही कारण है कि राज्य सरकार ने अपने नेताओं को इन बोर्डों के वायस चेयरमैन नियुक्त किया है ताकि वह उनके बच्चों को इन संस्थानों में शामिल कर सके। आप युवाओं को क्या संदेश दे रहे हैं। हालांकि, सरताज मदनी ने उनके बेटे के चयन का बचाव करते हुए कहा कि राजनीतिक कार्यकर्ताओं के बच्चों को भी गरिमा से जीना का अधिकार है। यदि उनका मानना है कि हमारे बच्चों को गरिमा के साथ जीने का अधिकार नहीं और यहां तक कि राजनीतिज्ञों के बच्चों को नौकरियां मिलने के वास्तविक तरीकों पर सवाल उठाते हैं तो राजनीतिक कार्यकर्ताओं के सभी बच्चों को लालचौक लाकर फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए। 

बोर्ड ने कहा सही है चयन
के.वी.आई.बी. के वायस चेयरमैन मंसूर हुसैन ने कहा कि पूरी चयन प्रक्रिया के.वी.आई.बी. के इतिहास में सबसे श्रेष्ठ था। बोर्ड की चयन प्रक्रिया में कोई भूमिका नहीं हैं। राज्य के कानून सचिव अब्दुल मजीद भट्ट को लिखित परीक्षा के लिए नियंत्रक परीक्षा नियुक्त किया गया था। उन्होंने (कानून सचिव) पारदर्शिता को सुनिश्चित करने के लिए एक बाहरी एजेंसी को परीक्षा में आउटसार्स किया था।  उन्होंने कहा कि सरताज मदनी के बेटे को चुना गया, यह सब शोरशराबा क्यों हो रहा है। क्या राजनीतिज्ञों और उनके बच्चों को जीने का अधिकार नहीं हैं। चयनित किए गए अन्य लोगों के बारे में क्या? वह सभी गरीब पृष्ठभूमि से हैं। यदि ऐसा कुछ होता तो मेरा भतीजा भी सूची में होता। 

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!