Edited By Punjab Kesari,Updated: 26 Feb, 2018 10:20 PM
देश में चोरी रोकने के लिए लाए गए ''ई-वे बिल'' की विफलता के बाद सरकार ने सीजीएसटी कानून के विवादित प्रावधानों को ठंडे बस्ते में डाल सकती है। जीएसटी काउंसिल की अगली बैठक में इस प्रस्ताव पर विचार हो सकता है।
नेशनल डेस्क: देश में चोरी रोकने के लिए लाए गए 'ई-वे बिल' की विफलता के बाद सरकार ने सीजीएसटी कानून के विवादित प्रावधानों को ठंडे बस्ते में डाल सकती है। 10 मार्च को होने वाली जीएसटी काउंसिल की अगली बैठक में इस प्रस्ताव पर विचार हो सकता है।
सूत्रों के अनुसार 'ई-वे बिल' जल्दबाजी में लागू करने से सरकार को परेशानी का सामना करना पड़ा है। इसलिए सरकार विवादित प्रावधानों पर विचार करने से पहले हर एंगल पर अमल किया जा रहा है। जीएसटी काउंसिल कुछ विवादित प्रावधानों जैसे रिवर्स चार्ज मेकेनिज्म, टीडीएस और टीसीएस को लंबे समय तक ठंडे बस्ते में डाल सकती है।
बता दें सीजीएसटी कानू की धारा 51 और 52 में टैक्स डिडेक्टेड एट सोर्स (टीडीएस) और टैक्स कलेक्टेड एट सोर्स ( टीसीएस) के संबंध में प्रावधान हैं। टीसीएस संबंधी कानून के तहत ई-कॉमर्स ऑपरेटरों को जीएसटी काटकर सरकार के खाते में जमा कराना होता है। ई-कॉमर्स कपंनियां इसको लेकर अपनी आपत्ति जता चुकी हैं। देश में 1 जुलाई 2017 को जीएसटी लागू हुआ लेकिन सरकार अब तक टीडीएस और टीसीएस कानून को अभी लागू नहीं कर पाई है। इन दोनों को अब तक ठंडे बस्ते में रखा गया है।