Edited By Punjab Kesari,Updated: 05 Dec, 2017 01:13 PM
गुजरात विधानसभा चुनाव में कांग्रेस कच्छ जिले की मांडवी सीट में सेंध लगाने की कोशिश कर रही है जो भाजपा का परंपरागत गढ़ है। कांग्रेस यहां हर वर्ग के मतदाताओं को लुभाने की भरपूर कोशिश कर रही है। कांग्रेस के दिग्गज राजपूत नेता 57 वर्षीय शक्तिसिंह गोहिल...
अहमदाबाद: गुजरात विधानसभा चुनाव में कांग्रेस कच्छ जिले की मांडवी सीट में सेंध लगाने की कोशिश कर रही है जो भाजपा का परंपरागत गढ़ है। कांग्रेस यहां हर वर्ग के मतदाताओं को लुभाने की भरपूर कोशिश कर रही है। कांग्रेस के दिग्गज राजपूत नेता 57 वर्षीय शक्तिसिंह गोहिल को कई लोग पार्टी का मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार मानते हैं। मुस्लिम बहुल मांडवी सीट पर उनके सामने भाजपा के नए चेहरे वीरेंद्रसिंह जडेजा हैं। वह भी राजपूत समुदाय से हैं।
बीते चार दशक से यह सीट भाजपा के खाते में गई है। सत्ता विरोधी लहर का मुकाबला करने के लिए भाजपा ने अपने वर्तमान विधायक ताराचंद छेडा को इस बार उम्मीदवार नहीं बनाया और उनकी जगह 51 वर्षीय जडेजा को लाया गया। गोहिल कच्छ की अब्दासा सीट से वर्तमान विधायक हैं। कांग्रेस ने उन्हें इस बार मांडवी से उतारने का फैसला लिया। विधानसभा चुनाव 2012 में परंपरागत सीट भावनगर ग्रामीण से हारने के बाद गोहिल 2014 में अब्दासा उपचुनाव 750 मतों के छोटे अंतर से जीते थे।
जडेजा ने अब तक कोई भी विधानसभा चुनाव नहीं जीता है जबकिभावनगर के शाही परिवार से आने वाले गोहिल चार बार विधायक रह चुके हैं और पिछली कांग्रेस सरकार में मंत्री भी थे। मांडवी सीट पर कुल मतदाता 2.24 लाख है। इनमें से मुस्लिम मतदाताओं की संख्या 50,000, दलित मतदाता 31,000, पाटीदार मतदाता 25,000 और राजपूत मतदाता 21,000 हैं। वर्ष 1960 में गुजरात के गठन के बाद से भाजपा इस सीट से सात बार जीती है जबकि कांग्रेस ने यहां से केवल चार बार ही जीत दर्ज की है।