Edited By Punjab Kesari,Updated: 27 Nov, 2017 01:34 PM
सियासी पार्टियों से लेकर आम आदमी तक, हर किसी की नजर गुजरात चुनावों पर टिकी हुई है। वहीं आखिरी दौर के मतदान से पहले गुजरात में किसकी सरकार बनेगी, इस पर सट्टेबाजी जमकर चल रही है। सक्रिय सट्टेबाजों का कहना है कि एक बार फिर राज्य की सत्ता पर भाजपा का...
नई दिल्ली: सियासी पार्टियों से लेकर आम आदमी तक, हर किसी की नजर गुजरात चुनावों पर टिकी हुई है। वहीं आखिरी दौर के मतदान से पहले गुजरात में किसकी सरकार बनेगी, इस पर सट्टेबाजी जमकर चल रही है।
भाजपा हासिल करेगी 118 से 120 सीटे
सक्रिय सट्टेबाजों का कहना है कि एक बार फिर राज्य की सत्ता पर भाजपा का कब्जा होने जा रहा है। सट्टेबाजों का तो यह भी कहना है कि इस बार भाजपा 118 से 120 सीटें हीहासिल कर सकेगी। जबकि कांग्रेस को 80 से 100 सीटों मिलने की संभावना है। बीजेपी पिछले चुनावों की तरह विशाल जीत दर्ज करने में नाकाम रहेगी लेकिन उन्हें भाजपा की जीत की पूरी उम्मीद है। ऐसी माना जा रहा है कि करीब 1000 करोड़ का सट्टा लगाया जा रहा है।
यह हैं सट्टेबाजों के रेट
सट्टेबाजों के रेट के मुताबिक अगर बीजेपी पर 1 रुपया लगाया जाता है तो उसका 1 रुपए 25 पैसे मिलेंगे, वहीं कांग्रेस पर ये रेट 1 रुपए पर 3 रुपए है। चौंका देने वाली बात है कि कांग्रेस की हार का खतरा नवंबर में ज्यादा उछल रहा था, इसलिए उस वक्त रेट 1 रुपए लगाने 7 रुपए मिलने का चल रहा था। इन चुनावों में जिन पार्टियों की जीत के नामुमकिन नजर आ रही है उनमे 'आप' और शिवसेना जैसी पार्टियां शामिल हैं, इसलिए आप की जीत के लिए 1 रुपये पर 25 रुपए और शिवसेना के लिए 30 रुपए दिए जा रहे हैं। एक सट्टेबाज का कहना है कि चुनाव के नजदीक आने और बीजेपी-कांग्रेस का प्रदर्शन जितना बेहतर होगा वैसे ही ये रेट बदलते रहेंगे। 14 दिसंबर को दूसरे दौर का मतदान होने के बाद नतीजों से पहले तक 1,200-1,500 करोड़ रुपए का सट्टा और लगाए जाने का अनुमान है।
दो चरणों में होगें चुनाव
आपको बतां दे कि गुजरात विधानसभा चुनाव दो चरणों में कराए जाएंगे। पहले चरण का चुनाव 9 दिसंबर (89 विधानसभा सीटों के लिए), जबकि दूसरे चरण का चुनाव 14 दिसंबर (93 विधानसभा सीटों के लिए) को होगा। गुजरात और हिमाचल प्रदेश, दोनों जगह वोटों की गिनती 18 दिसंबर को होगी। गुजरात चुनावों में इस बार 50,128 पोलिंग बूथ बनाए गए हैं। गोवा के बाद हिमाचल और गुजरात ऐसे राज्य होंगे जहां चुनावों में शतप्रतिशत वीवीपैट मशीनों का इस्तेमाल किया जाएगा।