Edited By Punjab Kesari,Updated: 27 Oct, 2017 02:41 PM
गुजरात चुनाव के दौरान आने वाले 50 दिन में 2 अरब रुपए से अधिक स्वाहा हो जाएंगे। जी हां, चुनाव आयोग की गणित के अनुसार इतनी रकम तो कम से कम खर्च होगी ही। कारण यह है कि चुनाव आयोग ने सभी प्रत्याशियों को अधिकतम 28 लाख रुपए खर्च करने की सीमा तय की है।...
नेशनल डेस्क: गुजरात चुनाव के दौरान आने वाले 50 दिन में 2 अरब रुपए से अधिक स्वाहा हो जाएंगे। जी हां, चुनाव आयोग की गणित के अनुसार इतनी रकम तो कम से कम खर्च होगी ही। कारण यह है कि चुनाव आयोग ने सभी प्रत्याशियों को अधिकतम 28 लाख रुपए खर्च करने की सीमा तय की है। उम्मीदवार ये इतने लाख खर्च तो करेंगे लेकिन उनसे ये कोई नहीं पूछेगा वो ये रकम कहां से ले आए थे। गणित कुछ यह है कि गुजरात में कुल 182 विधानसभा सीट हैं। हर सीट पर कम से कम पांच उम्मीदवार भी खड़े होते हैं तो कुल 182 सीट पर 910 उम्मीदवार खड़े होंगे। अब अगर हर उम्मीदवार अपने हिस्से के 28 लाख रुपए खर्च करता है तो करीब 2.6 अरब से अधिक रुपए खर्च होंगे।
अरबों की मालिक है पार्टियां
सभी पार्टियों के उम्मीदवार कम से कम लखपति तो होते ही हैं। उम्मीदवारों तक तो ठीक है लेकिन पार्टियां भी कम मालदार नहीं है। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म यानी एडीआर की ओर से जारी आंकड़ों की मानें तो वर्ष 2004 में कांग्रेस, बीजेपी, बीएसपी, एनसीपी, एआईटीसी, सीपीआई और सीपीएम की कुल संपत्ति करीब 482.14 करोड़ थी। जो वर्ष 2015-16 में बढ़कर 2729.17 करोड़ रुपए हो गई। हैरानी वाली बात यह है कि बीजेपी और कांग्रेस को 722 करोड़ रुपए कहां से मिले इसकी जानकारी उन्हें भी नहीं है। इस आय को अज्ञात स्रोत बताया गया है। इस स्रोत से बीजेपी को 461 करोड़ और कांग्रेस को 261 करोड़ की आय हुई है। हैरानी वाली बात यह है कि नोटबंदी के बाद भी इन पार्टियों के आय पर कुछ खास फर्क नहीं पड़ा है।
( सभी आंकड़े करोड़ में )