Edited By Punjab Kesari,Updated: 11 Dec, 2017 08:51 AM
राजनीतिक, आर्थिक व व्यावसायिक क्षेत्र में लोगों के बीच चर्चा है कि गुजरात विधानसभा चुनाव भारत के अब तक के इतिहास में अघोषित रूप से सबसे खर्चीला चुनाव है। इसमें नोटबंदी व सत्ता में नहीं रहने के कारण विपक्ष लगभग कंगाल है, जबकि नोटबंदी करने वाला...
नेशनल डैस्कः राजनीतिक, आर्थिक व व्यावसायिक क्षेत्र में लोगों के बीच चर्चा है कि गुजरात विधानसभा चुनाव भारत के अब तक के इतिहास में अघोषित रूप से सबसे खर्चीला चुनाव है। इसमें नोटबंदी व सत्ता में नहीं रहने के कारण विपक्ष लगभग कंगाल है, जबकि नोटबंदी करने वाला सत्ताधारी पक्ष सत्ता तंत्र व हर तरह से संसाधन, साम-दाम-दंड-भेद से मालामाल है।
कुछ लोगों का कहना है कि जो पार्टी व उसके बड़े नेता, भारी खर्च व तामझाम में भीड़ जुटाकर, हवाई जहाज के दौरे वाली बड़ी-बड़ी रैलियां, सभाएं कर रहे हैं, उसका प्रति सीट अघोषित खर्च लगभग 5 से 10 करोड़ रुपए हो रहा है। इस हिसाब से इस समय जो राजनीतिक पार्टी सत्ता व संसाधन में सब पर घोषित-अघोषित रूप से भारी है उसका राज्य की 182 सीटों पर लगभग 1500 करोड़ रुपए खर्च का अनुमान है और इसमें 90 प्रतिशत से ज्यादा काला धन खर्च हो रहा है।