Edited By Punjab Kesari,Updated: 24 Nov, 2017 10:38 PM
आर्चबिशप थामस ने कहा कि हमने पहली बार पत्र नहीं लिखा है, इससे पहले जब भी चुनाव हुए तो हमने लोगों को सचेत करने का काम किया है। हमने लोगों को वोट करने के लिए प्रेरित किया और उनसे कहा कि वो अपने विवेक के आधार पर अपना नेता चुनें। आर्चबिशप ने यह भी कहा...
नेशनल डेस्कः गुजरात में गांधीनगर के आर्चबिशप के पत्र ने राजनीतिक गलियारों में खासा घमासान मचा दिया है। बिशप थामस मैकवान ने एक पत्र में किसी राजनीतिक पार्टी का नाम लिए बिना अपील की है कि राष्ट्रवादी ताकतों से देश भर चुका है और गुजरात चुनाव में वोट करके इस समस्या को खत्म किया जा सकता है।
एक चैनल को दिए बयान के मुताबिक आर्चबिशप थामस ने कहा कि हमने पहली बार पत्र नहीं लिखा है, इससे पहले जब भी चुनाव हुए तो हमने लोगों को सचेत करने का काम किया है। हमने लोगों को वोट करने के लिए प्रेरित किया और उनसे कहा कि वो अपने विवेक के आधार पर अपना नेता चुनें। आर्चबिशप ने यह भी कहा कि यह पत्र केवल पब्लिक के लिए ही नहीं है बल्कि यह लोगों के लिए एक प्रार्थना है। उन्होंने कहा कि गुजरात में क्रिश्चचियन वोट एक बहुत ही छोटा भाग है।
65 साल के आर्चबिशप मैकवान ने 21 नवंबर को लिखे अपने पत्र में कहा कि इस चुनाव के नतीजे बहुत मायने रखते हैं जिसका प्रभाव हमारे देश पर पड़ेगा। पत्र में आरोप लगाते हुए कहा गया कि हमारे देश की लोकतांत्रिक और धर्मनिरपेक्ष छवि दांव पर लगी है।
मानवाधिकारों का उल्लंघन किया जा रहा है। संवैधानिक अधिकारों का हनन किया जा रहा है। एक भी दिन ऐसा नहीं जाता जब हमारे चर्च पर हमला न होता हो। पत्र में यह भी आरोप लगाया गया कि अल्पसंख्यकों, ओबीसी और गरीबों के बीच तेजी से असुरक्षा की भावना बढ़ी है।