गुजरात चुनाव: क्या कांग्रेस भाजपा के गढ़ सूरत में सेंध लगा पाएगी?

Edited By Punjab Kesari,Updated: 07 Dec, 2017 02:01 PM

gujarat elections  congress  bjp

गुजरात में हीरों के शहर और पाटीदार कोटा आंदोलन के केंद्र सूरत में विधानसभा चुनाव का कड़ा मुकाबला देखने को मिल सकता है क्योंकि कांग्रेस ने इस बार पाटीदार आंदोलन का चेहरा रहे हाॢदक पटेल को अपने शस्त्र के तौर पर शामिल किया है।  पाटीदार फैक्टर के अलावा...

अहमदाबाद: गुजरात में हीरों के शहर और पाटीदार कोटा आंदोलन के केंद्र सूरत में विधानसभा चुनाव का कड़ा मुकाबला देखने को मिल सकता है क्योंकि कांग्रेस ने इस बार पाटीदार आंदोलन का चेहरा रहे हाॢदक पटेल को अपने शस्त्र के तौर पर शामिल किया है।  पाटीदार फैक्टर के अलावा माल एवं सेवा कर (जीएसटी), नोटबंदी जैसे मुद्दों के बीच यह देखना दिलचस्प होगा कि हीरों एवं कपड़ों के कारोबार की नगरी के लोग किसके पक्ष में मतदान करेंगे। पहले चरण का मतदान शनिवार को सूरत में होगा।  अहमदाबाद गुजरात का सबसे बड़ा शहर है जबकि इस चुनावी मौसम में सूरत दिग्गज नेताओं की पसंदीदा जगह बनकर उभरा है। 

‘‘जीएसटी एवं नोटबंदी से प्रभावित’’ लोगों की ‘‘दुर्दशा’’ समझने के लिये कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी पिछले महीने दो बार शहर की यात्रा कर चुके हैं।  अपनी यात्रा के दौरान राहुल ने शहर के पाटीदार गढ़ों - वरछा और कतारगाम में विशाल रैली को संबोधित किया था। तीन दिसंबर को कोटा आंदोलन के नेता हाॢदक पटेल ने वरछा में विशाल रोड शो किया था। गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी के नेतृत्व में उसी दिन माजुरा में भाजपा का रोड शो हुआ था।  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले महीने शहर के बाहरी इलाके में स्थित कडोदरा में एक रैली को संबोधित किया था।  पाटीदारों एवं कारोबारियों की ‘नाराजगी’ को देखते हुए कांग्रेस को इस बार भाजपा से कुछ सीटें छीनने की उम्मीद है, जबकि दूसरी ओर भाजपा को विश्वास है कि वह लंबे समय से उसका गढ़ रहे सूरत में अपनी पकड़ बनाये रखेगी क्योंकि उसके नेताओं का दावा है कि कांग्रेस जो दिखा रही है, ‘जमीनी हकीकत’ उससे कहीं अलग है।  

सूरत नगर कांग्रेस अध्यक्ष हसमुख देसाई ने कहा कि शहर के ज्यादातर लोगों का संबंध सौराष्ट्र से है, ऐसे में कृषि संकट उनके ‘गुस्से’ को भड़काने का काम कर सकता है। शहर में पटेलों की बहुतायत है।   बहरहाल, भाजपा ने इन दलीलों को खारिज कर दिया और दावा किया कि जमीनी हकीकत इससे बिल्कुल अलग है।  माजुरा से भाजपा के मौजूदा विधायक हर्ष सांघवी ने कहा, ‘‘शुरू में कारोबारी जीएसटी से नाराज थे लेकिन अब वे इसे समझ पा रहे हैं। यह तथाकथित गुस्सा कभी वोट में नहीं बदलेगा। अगर लोग अब भी हमारे खिलाफ होते तो फिर मुख्यमंत्री की रैली में इतनी संख्या में लोग कैसे आते?’’  सूरत के लिये पीएएएस (पाटीदार अनामत आंदोलन समिति) के संयोजक धार्मिक मालवीय ने कहा कि उन्होंने कम से कम पांच सीटों पर भाजपा को हराने का लक्ष्य निर्धारित किया है। उन्होंने कहा, ‘‘लोग हमारे समर्थन में हैं और भाजपा उम्मीदवारों को प्रचार के लिये पाटीदारों की सोसायटियों में घुसने में भी दिक्कत आ रही है।’’ 

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!