करगिल युद्ध नहीं, कुपवाड़ा में आतंकियों से लोहा लेते हुए शहीद हुए थे गुरमेहर के पिता

Edited By ,Updated: 28 Feb, 2017 02:24 PM

gurmehar kaur father captain mandeep singh not kargil martyr

दिल्ली यूनिवर्सिटी की छात्रा गुरमेहर कौर ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के खिलाफ कैम्पेन चलाकर उसे चुनौती दी थी। इसके बाद गुरमेहर को जान से मारने और रेप तक की धमकी मिली थी।

नई दिल्ली: दिल्ली यूनिवर्सिटी की छात्रा गुरमेहर कौर ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के खिलाफ कैम्पेन चलाकर उसे चुनौती दी थी। इसके बाद गुरमेहर को जान से मारने और रेप तक की धमकी मिली थी। गुरमेहर ने खुद ट्वीट कर जानकारी दी कि वह उसने खुद को कैंपेन से अलग कर लिया है। आज सुबह एक ट्वीट कर गुरमेहर ने इसकी जानकारी दी। उसने ट्विटर पर लिखा 'मैं खुद को कैंपेन से अलग कर रही हूं, आप सभी का शुक्रिया, मुझे जो कहना था वो कह चुकी हूं', प्लीज अब मुझे अकेला छोड़ दो। इस बीच, गुरमेहर अब दिल्ली छोड़कर अपने घर जालंधर लौट रही है, उसकी मां ने इसकी पुष्टि की है।

गुरमेहर ने पिछले साल पोस्ट किए गए प्ले कार्ड्स वीडियो में दावा किया था कि उसके पिता की जान करगिल जंग के दौरान गई थी, जबकि आर्मी रिकॉर्ड कुछ और बताते हैं।रिकॉर्ड के मुताबिक गुरमेहर कौर के पिता कैप्टन मनदीप करगिल के शहीद नहीं थे, वे आतंकवादियों से लोहा लेते हुए शहीद हुए थे।

कैसे शहीद हुए थे कैप्टन मनदीप?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कैप्टन मनदीप सिंह 1999 में राष्ट्रीय राइफल्स के सेक्टर 7 के तहत पोस्टेड थे। वे रक्षक नाम के आतंकरोधी टीम का हिस्सा थे। जम्मू-कश्मीर में 1999 में राष्ट्रीय राइफल्स के कैंप पर आतंकी हमले के दौरान मनदीप सिंह शहीद हुए थे। 6 अगस्त 1999 को उनके कैंप पर हमला हुआ था और वे शहीद हुए थे, इस हमले में 6 और जवानों की जान गई थी। मनदीप 1991 में 49 आर्मी एयर डिफेंस रेजिमेंट में शामिल हुए थे और जब शहीद हुए थे तो वे 4 राष्ट्रीय राइफल्स बटालियन का हिस्सा थे।
PunjabKesari
6 अगस्त 1999 को कुपवाड़ा जिले के चक नुतनुसा नाम के गांव के पास आतंकियों ने हमला किया था। यहीं उनका कैंप था, मीडिया में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, रात 1.15 मिनट पर आतंकियों ने कैंप पर हमला किया था। उस दौरान मनदीप अपनी कंपनी के कमांडर थे, इस दौरान उन्हें बाएं कंधे में गोली लगी थी और मौके पर ही उनकी जान चली गई थी।

गुरमेहर ने यह किया था दावा?
मई, 2016 को गुरमेहर की ओर से पाकिस्तान के साथ शांति को लेकर सोशल मीडिया पर एक कैम्पेन चलाया गया था। इसमें उन्होंने प्ले कार्ड्स दिखाते हुए कहा था कि उनके पिता को पाकिस्तान ने नहीं वार ने मारा है। इस दौरान उन्होंने एक प्ले कार्ड दिखाया था जिसमें कहा था कि उनके पिता करगिल में जंग के दौरान शहीद हुए थे।
बता दें कि करगिल युद्ध 3 मई 1999 को शुरू हुआ था और 25 जुलाई 1999 तक चला था। वहीं आतंकी हमला 6 अगस्त 1999 को हुआ था।

जालंधर के डीएवी कॉलेज के छात्र थे शहीद मनदीप
1991 में हुए कमीशंड कैप्‍टन मनदीप सिंह जालंधर के डीएवी कॉलेज के छात्र रह चुके थे। वर्ष 1991 में वह सेना की 49 आर्म्‍ड डिविजन रेजीमेंट में कमीशंड हुए। उनके दोस्‍त उन्‍हें हैरी के नाम से बुलाते थे।

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!