Edited By ,Updated: 28 May, 2016 04:17 PM
शहीद हंगपान दादा तिराप चीन से लगी सीमा के पास अरुणाचल प्रदेश के तिराप जिले के रहने वाले है।
जम्मू: शहीद हंगपान दादा चीन से लगी सीमा के पास अरुणाचल प्रदेश के तिराप जिले के रहने वाले है। उनका आज शनिवार को अपने गांव में अंतिम संस्कार होगा। उनकी बहादुरी के आगे हर किसी का सिर सम्मान से झुक गया। खराब मौसम, चारो तरफ धुंध, कई फुट बर्फ और 12000 फीट ऊंचाई पर वे अपनी जान की परवाह किए बिना डटे रहे और वीरगति को प्राप्त हुए।
POK की तरफ से घुसपैठ
उन्होंने कश्मीर के लाइन ऑफ कंट्रोल के पास पीओके की तरफ से घुसपैठ की कोशिश कर रहे चार आतंकियों से लोहा लिया। ये आतंकी भारी हथियारों से लैस थे। जब उन्होंनेे एलओसी पर आतंकी मूवमेंट देखी तो बिना समय गंवाए मुठभेड़ शुरू कर दी। अपनी टीम का नेतृत्व कर रहे हंगपान ने घायल होने के बावजूद मोर्चा नही छोड़ा और चारों आतंकियों को मार गिराया। वे पिछले साल ही ऊंचाई वाले रेंज में तैनात किए गए थे।
टीम की जान बचाई
सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हंगपान ने आतंकियों की ओर से भारी गोलीबारी के बीच अपने टीम के सदस्यों की जान बचाई। उनके शव को उनके पैतृक गांव ले जाया जा रहा है जहां पर सैन्य सम्मान के साथ उन्हें अंतिम विदाई दी जाएगी। उनके पीछे अब उनकी पत्नी, दस साल की बेटी और सात साल का एक बेटा है।