Edited By ,Updated: 11 Oct, 2015 03:24 PM
गांधीवादी नेता एवं प्रसिद्ध समाजसेवी अन्ना हजारे ने कहा है कि उन्हे मरने का कोई डर नहीं है और वह देश की प्रगति एवं उन्नति के लिए जनजागरण करते रहेंगे।
सीकर: गांधीवादी नेता एवं प्रसिद्ध समाजसेवी अन्ना हजारे ने कहा है कि उन्हे मरने का कोई डर नहीं है और वह देश की प्रगति एवं उन्नति के लिए जनजागरण करते रहेंगे। हजारे आज सीकर में एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे। तीन दिन की यात्रा पर सीकर आए अन्ना हजारे को कल शाम जान से मारने की धमकी भरा पत्र मिला था।
उसी क्रम में उन्होंने कहा कि ऐसी धमकियों से उनकों कोई फर्क नहीं पडता है और वह देश की प्रगति और उन्नति के लिए जनजागरण करते रहेगें। उन्होंने कहा कि उनके आंदोलन से कई सरकारों का पतन हुआ है और कई जेल पहुंचे है। उन्हें आठवीं दफा जान से मारने की धमकी मिल चुकी है, वह इसकी परवाह नहीं करते क्योंकि वह 1965 की लडाई में ही मर गये थे, जब उनके साथी शहीद हो गए थे। अब तो उनका पुर्नजन्म है जो देश की सेवा में लगा हुआ है।
सरकारों के बाद अब हजारे ने चुनाव आयोग से दो दो हाथ करने की ठानते हुए चुनावों में चल रही मौजूद व्यवस्था को बदलने की मांग को लेकर सीकर से आंदोलन का शंखनाद किया। उन्होंने कहा कि संविधान से उपर कोई नहीं है और चुनाव जैसी व्यवस्था में भी संविधान की धज्जियां उडाई जा रही है। देश में बदलाव के लिए सत्ता परिवर्तन नहीं बल्कि व्यवस्थाओं में परिवर्तन करने की जरुरत है। चुनावों में बैलेट पेपर पर चुनाव चिन्ह और पार्टी आधार पर चुनाव की व्यवस्था को गैर संवैधानिक बताते हुए उन्होंने इस व्यवस्था को बदलने के लिए लोगों से आजादी की दूसरी जंग में शामिल होने का आह्वान किया।
उन्होंने कहा कि वर्ष 1952 से चुनाव आयोग चुप रहा जिस कारण आज तक संविधान विरोधी चुनावों से जनप्रतिनिधियों का चयन किया जा रहा है। उन्होने कहा कि आज यहां से जनजागरण अभियान का आगाज किया है और गांव ढाणी कस्बों तहसील व जिला स्तर पर कमेटियां बनाकर लोगों को जागरूक किया जाएगा और बाद में दिल्ली के रामलीला मैदान में विशाल आंदोलन किया जाएगा।