'गंगा-यमुना को मिला जीवित व्यक्ति का दर्जा'

Edited By ,Updated: 21 Mar, 2017 12:41 PM

high court gives life to ganga yamuna

उत्तराखंड हाई कोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसले में देश की दो पवित्र नदियों गंगा और यमुना को ‘जीवित मानव का दर्जा’ देने का आदेश दिया।

नई दिल्ली: उत्तराखंड हाई कोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसले में देश की दो पवित्र नदियों गंगा और यमुना को ‘जीवित मानव का दर्जा’ देने का आदेश दिया। हाई कोर्ट के जस्टिस राजीव शर्मा और न्यायमूर्ति आलोक सिंह की एक खंडपीठ ने यह आदेश दिया। एडवोकेट एमसी पंत की दलीलों से सहमति व्यक्त करते हुए कोर्ट ने इस संबंध में न्यूजीलैंड की वानकुई नदी का भी उदाहरण दिया, जिसे इस तरह का दर्जा दिया गया है। हरिद्वार निवासी मोहम्मद सलीम द्वारा दायर की गई एक जनहित याचिका पर दिए इस आदेश में अदालत ने देहरादून के जिलाधिकारी को ढकरानी में गंगा की शक्ति नहर से अगले 72 घंटों में अतिक्रमण हटाने के भी आदेश दिए हैं। याचिका में दलील दी गई थी कि इन पवित्र नदियों से उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश दोनों राज्य जुड़े हुए हैं, लेकिन फिर भी इनकी सहायक नदियों की संपत्ति का प्रभावी वितरण नहीं हो पाया है।

संपत्तियों के बंटवारे को भी सुलझाने के दिए आदेश 
 हाई कोर्ट ने सरकार को अदालत द्वारा पिछले साल दिसंबर में दिए गए आदेश के अनुसार अगले 8 सप्ताह के अंदर गंगा प्रबंधन बोर्ड गठित करने के भी निर्देश दिए। गंगा और यमुना को एक जीवित मानव की तरह का कानूनी दर्जा देते हुए अदालत ने नमामि गंगे मिशन के निदेशक, उत्तराखंड के मुख्य सचिव और उत्तराखंड के महाधिवक्ता को नदियों के कानूनी अभिभावक होने के निर्देश दिए हैं और उन्हें गंगा, यमुना और उनकी सहायक नदियों की सुरक्षा करने और उनके संरक्षण के लिए एक मानवीय चेहरे की तरह कार्य करने को कहा है।

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