Edited By Punjab Kesari,Updated: 09 Feb, 2018 01:50 PM
निजी अस्पतालों की मनमानी दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है। ऐसा ही एक मामला देश के नामी अस्पताल का सामने आया है जहां नौ लाख 85 हजार का बिल भुगतान न करने पर मरीज को बंधक बना दिया गया। गरीब किसान के परिवार वालों ने मुख्यमंत्री रघुवरदास से गुहार लगाई...
नेशनल डेस्क: निजी अस्पतालों की मनमानी दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है। ऐसा ही एक मामला देश के नामी अस्पताल का सामने आया है जहां नौ लाख 85 हजार का बिल भुगतान न करने पर मरीज को बंधक बना दिया गया। गरीब किसान के परिवार वालों ने मुख्यमंत्री रघुवरदास से गुहार लगाई जिसके बाद मामला संज्ञान में लिया गया। यह घटना झारखंड के रांची स्थित नामी मेदांता अस्पताल की है।
खबरों के मुताबिक लातेहार जिले के चोपे गांव निवासी मोहम्मद अयूब अली ऊर्फ को दो महीने पहले मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उस समय परिवारवालों ने जमीन गिरवी रखकर डेढ़ लाख रुपये जमा कर दिए। अस्पताल ने उन्हें आश्वासन दिया था कि सरकार से प्रतिपूर्ति होने के बाद पैसे वापस कर दिए जाएंगे। आरोप है कि अस्पताल ने पैसे वापिस करने की बजाय नौ लाख 85 हजार रुपये का बिल उन्हे थमा दिया। अस्पताल प्रशासन ने पैसे न देने पर मरीज को एक महीने से बंधक बनाकर रखा। मुख्यमंत्री को भेजी शिकायत में परिवार ने कहा कि अस्पताल ने इलाज में भी लापरवाही बरती।
शिकायत मिलने पर मुख्यमंत्री ने तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए। पीड़ित को अस्पताल से उनके घर भिजवा दिया गया। उन्होंने कहा कि मोहम्मद अयूब अली को अस्पताल को एक भी पैसा अतिरिक्त नहीं देना है। सीएम ने कहा कि कोई भी अस्पताल मरीज से बिना वजह अधिक पैसा नहीं मांग सकता।ऐसी सूचना मिलने पर दोषी अस्पतालों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी।