Edited By Punjab Kesari,Updated: 06 Aug, 2017 04:04 PM
दिल्ली हाईकोर्ट ने पुलिस द्वारा परेशान किए जाने के भय से गोली लगने वाले व्यक्ति को उपचार देने से एक निजी अस्पताल के इनकार के मामले में सरकार और दिल्ली पुलिस से जवाब मांगा हैं।
नई दिल्लीः दिल्ली हाईकोर्ट ने पुलिस द्वारा परेशान किए जाने के भय से गोली लगने वाले व्यक्ति को उपचार देने से एक निजी अस्पताल के इनकार के मामले में सरकार और दिल्ली पुलिस से जवाब मांगा हैं। खबरों में यह रिपोर्ट आने के बाद हाईकोर्ट ने खुद ही एक जनहित याचिका दाखिल की है। हाईकोर्ट के न्यायाधीश जी.एस. सिस्तानी और न्यायाधीश चंद्र शेखर की पीठ ने केन्द्र सरकार और पुलिस से मामले की अगली सुनवाई 11 अगस्त के पहले अपना जवाब और स्थिति रिपोर्ट पेश करने को कहा है। अधिवक्ता वरुण गोसाईं ने अदालत का ध्यान न्यूज रिपोर्ट की ओर दिलाया और निजी तथा सरकारी दोनों तरह के अस्पतालों को इस तरह के मामलों में उपचार देने से इनकार नहीं करने निर्देश देने की मांग की। जिसके बाद हाईकोर्ट ने इस मामले में पीआईएल दाखिल की।
अधिवक्ता ने पुलिस से मामले की शीघ्र जांच और गवाह को उचित सुरक्षा मुहैया करने के निर्देश देने की मांग की क्योंकि मामले के पांच आरोपियों में से चार अभी भी फरार हैं। रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली के नजफगढ़ क्षेत्र में 26 जुलाई की रात 57 वर्षीय ढाबा मालिक और उसके 26 वर्षीय बेटे मयंक को एक कूलर पर हुए विवाद पर कथित तौर पर पांच लोगों को गोली मार दी थी। आरोपी कूलर को अपनी तरफ मोडना चाहते थे लेकिन ढाबा मालिक और उसका बेटा इसके लिए राजी नहीं हुए जिससे विवाद बढ़ गया।
पांच लोगों में से एक ने मंयक की गर्दन में गोली मार दी और जब उसके पिता ने उन्हें रोकना चाहा तो उसके सिर पर गोली मार दी गई। रिपोर्ट में कहा गया कि घटना में ढाबा मालिक की दुर्घटनास्थल पर ही मौत हो गई वहीं उसके बेटे ने बाद में दम तोड़ दिया। रिपोर्ट में मयंक के एक रिश्तेदार के हवाले से कहा गया कि मयंक की जान बच जाती अगर उसे उस अस्पताल ने भर्ती कर लिया होता जहां उसे पहले ले जाया गया था।