10 साल की नौकरी में IAS ने बना ली आय से 1300 प्रतिशत अधिक की संपत्ति, विजिलेंस ने की छापेमारी

Edited By Punjab Kesari,Updated: 03 Jan, 2018 11:07 PM

ias officer deepak anand narendra modi nitish kumar

सिर्फ 10 साल की नौकरी में करोड़ों की काली कमाई करने वाले युवा आइएएस दीपक आनंद पर शिकंजा कस गया है। बुधवार को विशेष निगरानी इकाई (एसवीयू) ने उनके विभिन्न ठिकानों पर छापा मारकर एक करोड़ 55 लाख से अधिक की काली कमाई का पता लगाया। देर रात छापेमारी जारी...

नेशनल डेस्क: सिर्फ 10 साल की नौकरी में करोड़ों की काली कमाई करने वाले युवा आइएएस दीपक आनंद पर शिकंजा कस गया है। बुधवार को विशेष निगरानी इकाई (एसवीयू) ने उनके विभिन्न ठिकानों पर छापा मारकर एक करोड़ 55 लाख से अधिक की काली कमाई का पता लगाया। देर रात छापेमारी जारी रही। बालू माफिया से सांठगांठ के आरोप में छपरा के डीएम के पद से हटाए गए दीपक आनंद इन दिनों पदस्थापन की प्रतीक्षा में थे और पटना के सर्किट हाउस के एक कमरे में रह रहे थे। वहां छापे में 76 लाख से अधिक के चल-अचल संपत्ति का पता चला है।
उनके पैतृक गांव सीतामढ़ी में भी छापे डाले गए। इतना ही नहीं कटिहार में मेडिकल की पढ़ाई कर रहीं उनकी पत्नी के कमरे को भी सील कर दिया गया है। इसके अलावा भी दीपक आनंद के 6 से अधिक ठिकानों पर विशेष निगरानी इकाई और आर्थिक अपराध इकाई की टीम ने छापेमारी की। टीम ने सीतामढ़ी, पटना, गोड्डा में रेड डाली है। इसके अलावा वैशाली जिला में एक मुखिया के ठिकाने पर भी दबिश दी गई है।
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सीतामढ़ी निवासी हैं दीपक
छपरा के पूर्व डीएम दीपक आनंद सीतामढ़ी कोर्ट बाजार के मूल रूप से रहने वाले  हैं, दीपक 2007 बैच के आईएएस पदाधिकारी हैं। आरोप है कि उनके द्वारा आय से अधिक संपत्ति अर्जित की गई थी। नोटबंदी के दौरान भी काफी रुपया इधर-उधर जमा कराने की बातें सामने आ रही हैं। सूत्रों की मानें तो वरिष्ठ नौकरशाहों के खिलाफ कार्रवाई करने वाली विशेष निगरानी की टीम ने कई ठिकानों पर छापेमारी की। इन पर आय से अधिक संपत्ति बनाने की शिकायतों की जांच काफी पहले से चल रही है।

पहले भी रहे हैं विवादों में
दीपक आनंद पढ़ाई में जितने टॉपर रहे थे विवादों से भी उतना ही गहरा नाता रहा है। 2007 बैच के आईएएस ने देश भर में 55 रैंक हासिल किया था लेकिन विवादों से इनका पीछा नहीं छूटा। कटिहार मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई कर रही पत्नी को रहने की सुविधा के लिए कटिहार जिला प्रशासन द्वारा सरकारी आवास आवंटित किया गया था। हालांकि तत्कालीन कटिहार डीएम ने बताया था कि आवास आईएएस की पत्नी के नाम पर नहीं आवंटित किया गया था, बल्कि किसी दूसरे अधिकारी के नाम पर आवंटित आवास का उपयोग दीपक आनंद की पत्नी शिखा रानी कर रही थी। दीपक आनंद को भ्रष्टाचार के मामले में ही राज्य सरकार ने छपरा के जिलाधिकारी के पद से हटाया था। वह अपनी पदस्थापना की प्रतीक्षा में हैं। दीपक आनंद बांका और समस्तीपुर के भी जिलाधिकारी रह चुके हैं। उन्होंने बतौर आइएएस अपने करियर की शुरुआत बेतिया के अनुमंडलाधिकारी के रूप में वर्ष 2008 में की थी।

सर्किट हाउस के कमरे से मिले कालेधन के दस्तावेज
एसवीयू के आइजी रत्न संजय कटियार ने कहा कि उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का केस दर्ज किया गया है। विशेष निगरानी इकाई की टीम सबसे पहले वहां पहुंची। यहां उनके कमरे की तलाशी ली गई तो 25 लाख रुपये के किसान विकास पत्र, 27 लाख, 50 हजार रुपये के पोस्टल डिपोजिट से संबंधित कागजात और 25 लाख रुपये के स्वर्णाभूषण की खरीद की रसीद मिली है।

आय से 1300 प्रतिशत अधिक की संपत्ति का पता चला
वर्ष 2007 से लेकर अबतक उनके द्वारा अर्जित की गई संपत्ति का जब एसवीयू ने हिसाब लगाया तो पाया कि इस अवधि में उन्होंने अपनी कमाई से 11 लाख, 76 हजार का बचत किया होगा, लेकिन उनके पास से अभी कमरे से ही एसवीयू को एक करोड़, 66 लाख, 86 हजार की चल और अचल संपत्ति के दस्तावेज मिल गए। अनुमान है कि इनमें से एक करोड़, 55 लाख, 10 हजार रुपये काली कमाई का अनुमान है। उनके खिलाफ डीए केस दर्ज कर लिया गया है। कमाई से 1300 प्रतिशत अधिक काली कमाई उन्होंने जुटाई है।

बालू माफिया से सांठगांठ में चल रही निगरानी जांच
आइएएस अधिकारी दीपक आनंद तब सुर्खियों में आए थे, जब सारण के डोरीगंज से बालू के उठाव में उनकी बालू माफिया के साथ सांठगांठ की खबरें सामने आई थी। तब डोरीगंज से बालू का उठाव बिना ई-चालान के ही हो रही थी। इसमें सारण के तत्कालीन एसपी भी जांच के घेरे में आ गए। फिलहाल इस मामले की निगरानी जांच चल रही है।

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