Edited By ,Updated: 18 Mar, 2017 01:11 PM
कश्मीर से साल 2010 के आई.ए.एस टॉपर डॉ. शाह फैजल ने फेसबुक पर पोस्ट लिखकर एक बार फिर विवाद खड़ा किया है।
श्रीनगर : कश्मीर से साल 2010 के आई.ए.एस टॉपर डॉ. शाह फैजल ने फेसबुक पर पोस्ट लिखकर एक बार फिर विवाद खड़ा किया है। फैजल सरकारी नौकरी को दिमाग, आंखें, जीभ, हाथ और पैरों की गुलामी बताया है। फैजल 14 मार्च को अपने फेसबुक पोस्ट पर लिखा था कि मेरे पास स्टार्टअप और खुद का काम करने वाले युवाओं को सपोर्ट करने की मजबूत वजह है। यह लोगों को पूरी आजादी देती है। सरकारी नौकरी दिमागए आंखें, जीभ, हाथ और पैरों की गुलामी है।
जहां कई लोग फैजल की पोस्ट को लेकर बहस कर रहे हैंए वहीं एक युवा आई.पी.एस अधिकारी शैलेंद्र मिश्रा ने डॉ फैजल को करारा जवाब दिया है। एम.बी.ए ग्रेजुएट मिश्रा अभी बतौर एस.एस.पी उधमपुर कार्यरत हैं। मिश्रा चाहते हैं कि युवा अपने सपनों का पीछा करें और सरकारी नौकरी करें। मिश्रा ने फैजल को जवाब देते हुए लिखा है कि मैं सात साल से सरकारी नौकरी कर रहा हूं। इससे पहले मैं एक एंटरप्रनोर और कॉरपॉरेट कर्मचारी के तौर पर काम कर चुका हूं। सरकारी नौकरी की वजह से मेरी बुद्धी बढ़ी, मेरे तर्क तेज हुए हैं, मुझे प्रयोग के लिए बड़ा कैनवास मिला है।
एक कर्मचारी के तौर पर में कोई भी दूसरी नौकरी कर सकता था। इसने मुझे यह यकीन दिलाया कि यह सिर्फ फायदे के लिए नहीं है, बल्कि मानव सेवा के बारे में भी हैए जो आपको अच्छा महसूस कराता है और सबसे विशेष बात यह है कि यह मुझे मेरे ऐसे लोगों के बहुत करीब लाता है, जिनकी मेरे अलावा उनकी कोई आवाज नहीं है।
साथ ही मिश्रा ने लिखा है कि यह सरकारी नौकरी केवल एक नौकरी भर नहीं है, बल्कि यह लाखों युवाओं की प्रतिभाओं, उनकी योग्यताओं को जाहिर करने के लिए एक माहौल का उपलब्ध करवाती है।
एक सरकारी कर्मचारी के लिए खुद की शंका से ऊपर उठकर काम करना होगा। युवा साथियों, अपने सपनों का पीछो करो, खुद को एंटरप्रनोयर बनाओ, बाकी सब छोड़ दो, सरकार में कुछ ऐसे आत्मविश्वासी लोग भी हैं, जोकि आप लोगों को आपको अच्छा माहौल देंगे। अगर आप इस सरकारी सिस्टम का हिस्सा बनना चाहते हैं, तो मुझ पर भरोसा करो, आप गलत नहीं करेंगे। आप हमेशा विजेता रहोगे। आपका स्वागत है।