ICJ में भारत ने कहा, 'PAK फैसले से पहले दे सकता है जाधव को फांसी'

Edited By ,Updated: 15 May, 2017 04:14 PM

icj hearings today in kulbhushan jadhav case

भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी कुलभूषण जाधव के मामले पर इंटरनैशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस में सुनवाई शुरू हो गई है।

नई दिल्ली: भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी कुलभूषण जाधव के मामले पर इंटरनैशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस में सुनवाई शुरू हो गई है। ICJ में भारत का प्रतिनिधित्व हरीश साल्वे, चेतना राय, काजल भट्ट और दीपक मित्तल कर रहे हैं। भारत की ओर से हरीश साल्वे अपनी दलीलें रखीं। 11 जजों की बेंच इस मामले में सुनवाई कर रही है। आईसीजे में सुनवाई का सीधा प्रसारण चल रहा है। सुनवाई से पहले पाक‍ के प्रतिनिधियों ने भारतीय प्रतिनिधिमंडल से हाथ मिलाया।

भारत ने रखा अपना पक्ष
-जाने-माने अधिवक्ता हरीश साल्वे ने विस्तार से भारत का पक्ष रखते हुए कहा जाधव के मामले में वियना संधि में राजनयिक संपर्क के प्रावधान वाले अनुच्छेद 36 का उल्लंघन किया गया है।

-जाधव को कथित रूप से तीन मार्च 2016 को पकड़ा गया था लेकिन भारत को इसकी कोई सूचना नहीं दी गई। भारत को 25 मार्च 2016 को यह समाचार सार्वजनिक रूप से मिला।

-भारत ने अनेक बार राजनयिक संपर्क का अनुरोध किया लेकिन उसे बार-बार ठुकरा दिया गया।

-भारत को 10 अप्रैल 2017 को पता चला कि जाधव को जासूसी के आरोप में सैन्य अदालत ने मौत की सकाा सुनाई है।

-भारत ने इस फैसले की प्रति और का ब्यौरा मांगा लेकिन वह भी उपलब्ध नहीं कराया गया।

-जाधव की मां ने 26 अप्रैल को तीन माध्यमों से पाकिस्तान को अपील भेजी है लेकिन उसका भी कुछ नहीं पता चला। उन्होंने कहा कि स्थिति बहुत गंभीर है। इसलिए भारत ने अंतर्राष्ट्रीय अदालत का दरवाजा खटखटाया।

-साल्वे ने कहा कि पाकिस्तानी सैन्य अदालत द्वारा कुलभूषण जाधव को फांसी की सजा सुनाया जाना वियना संधि के अनुच्छेद 36 के तहत अधिकारों के उल्लंघन है।

-जाधव को बिना राजनयिक संपर्क का मौका दिए गिरफ्तार कर रखा गया है और अब उन पर फांसी की तलवार लटक रही है।

- ICJ सजा पर रोक नहीं लगाती है तो पाकिस्तान इसी तरह पर्दे के पीछे जाधव को फांसी भी दे सकता है।  

-अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय ऐसे सभी आवश्यक कदम उठाए ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि पाकिस्तान इस याचिका का निपटारा होने तक जाधव को फांसी नहीं दे।
 
-जाधव की फांसी पर रोक के लिए साल्वे ने दलील दी कि ICJ नियमावली में अनुच्छेद 74 के अंतर्गत किसी देश को दिए गए अंतरिम निर्देश बाध्यकारी होते हैं और सभी देशों को उसे मानना होता है।

-साल्वे ने कहा कि इस याचिका पर सुनवाई करने का अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय को पूरा अधिकार है। न्यायालय पहले भी विएना संधि के उल्लंघन संबंधी तीन मामलों की सुनवाई कर चुका है।

-देश के सवा अरब लोग इंसाफ का इंतजार कर रहे हैं। हमें उम्मीद है कोर्ट भारत के हक में फैसला सुनाएगी।

-जाधव के माता-पिता पाकिस्तान जाना चाहते हैं और अपने बेटे से मुलाकात करना चाहते हैं।

 

गौरतलब है कि जाधव को पाकिस्तान ने मार्च 2016 में बलूचिस्तान में गिरफ्तार करने का दावा किया था। पाकिस्तान ने कहा कि जाधव भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ के लिए काम कर रहा था। वहीं भारत का कहना है कि जाधव को ईरान से अगवा किया गया था। जाधव को 10 अप्रैल को पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने कथित तौर पर जासूसी करने और इस्लामाबाद के खिलाफ विध्वंसक गतिविधियों में शामिल रहने के आरोपों को लेकर मौत की सजा सुनाई है।

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