Edited By Punjab Kesari,Updated: 28 Jul, 2017 07:18 PM
मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने शुक्रवार को संविधान के अनुच्छेद (35 -ए) के साथ किसी भी तरह की छेड़छाड़ के खिलाफ आगह किया, जिसपर सुप्रीम कोर्ट में बहस चल रही है।
श्रीनगर : मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने शुक्रवार को संविधान के अनुच्छेद (35 -ए) के साथ किसी भी तरह की छेड़छाड़ के खिलाफ आगह किया, जिसपर सुप्रीम कोर्ट में बहस चल रही है। यह अनुच्छेद राज्य विधानसभा को ‘स्थायी निवासियों’ को परिभाषित करने और उन्हें विशेष अधिकार देने की शक्ति प्रदान करता है। संविधान के इस अनुच्छेद का मजबूती से बचाव करते हुए महबूबा ने कहा कि इसमें किसी भी तरह के बदलाव का बुरा नतीजा होगा और इसका अर्थ यह होगा कि जम्मू एवं कश्मीर में कोई भी भारतीय राष्ट्रध्वज की हिफाजत नहीं कर पाएगा।
उन्होंने कहा कि इससे राज्य की नेशनल कांफ्रेंस और उनकी पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी जैसी मुख्यधारा की पार्टियों के कार्यकर्ताओं का जीवन खतरे में पड़ जाएगा, जो कश्मीर में राष्ट्रध्वज के लिए खड़े होते हैं और इसे फहराते हैं। एक कार्यक्रम के दौरान पी.डी.पी. की अध्यक्ष ने कहा कि अनुच्छेद के साथ किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ स्वीकार नहीं की जाएगी। मुझे यह कहने में बिल्कुल भी संकोच नहीं होगा कि यदि अनुच्छेद को खत्म किया जाता है तो कोई भी कश्मीर में राष्ट्रध्वज हाथ नहीं लगाएगा। मैं इसे स्पष्ट कर देती हूं।
गौरतलब है कि द सिटिजन नामक एक गैर सरकारी संगठन (एन.जी.ओ.) द्वारा अनुच्छेद (35-ए) के कानूनी आधार को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी गई है। याचिका में कहा गया है कि यह अनुच्छेद कभी संसद में पेश नहीं हुआ और इसे राष्ट्रपति के आदेश पर लागू किया गया। इस प्रावधान को 1954 में तत्कालीन राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद ने अनुच्छेद 370 में प्रदत्त राष्ट्रपति के अधिकारों का उपयोग करते हुए (संविधान-जम्मू एवं कश्मीर के लिए आवेदन) आदेश 1954 को लागू किया था।
सर्वोच्च न्यायालय ने इस मामले पर व्यापक बहस के लिए इसे तीन न्यायाधीशों की पीठ को हस्तांतरित कर दिया है।