जाधव को अगर दी फांसी, तो अंतर्राष्ट्रीय मंच पर अलग-थलग पड़ जाएगा PAK

Edited By ,Updated: 10 May, 2017 07:54 PM

if pak hang kulbhushan it will be isolated on international level

पाकिस्तान में कैद भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव की फांसी की सजा पर रोक लग गई है। नीदरलैंड के हेग में इंटरनैशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस ने भारत की अपील पर कुलभूषण की मौत की सजा पर अंतरिम रोक लगाई है।

नई दिल्ली: पाकिस्तान में कैद भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव की फांसी की सजा पर रोक लग गई है। नीदरलैंड के हेग में इंटरनैशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस ने भारत की अपील पर कुलभूषण की मौत की सजा पर अंतरिम रोक लगाई है। विशेषज्ञों के मुताबिक, पाकिस्तान इंटरनेशनल कोर्ट के आदेश को मानने के लिए बाध्य नहीं है लेकिन यदि उसने कोर्ट का फैसला नहीं माना तो अंतर्राष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान अलग-थलग पड़ जाएगा। भविष्य में यदि वह कोई भी मामला इंटरनेशनल कोर्ट आॅफ जस्टिस में ले जाएगा तो उसकी शिकायत पर सुनवाई नहीं होगी। बहरहाल, इंटरनैशनल कोर्ट के फैसले पर पाकिस्तान की ओर से अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। वहीं भारत को अटाॅर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने एक टीवी चैनल से बातचीत में इसे भारत की बहुत बड़ी जीत बताया है हालांकि, रोहतगी जाधव की सही-सलामती के बारे में कोई जानकारी नहीं दे सके।

ज्ञात हो कि भारत की तरफ से सीनियर एडवोकेट हरीश साल्वे ने 8 मई को इंटरनेशनल कोर्ट में याचिका दायर की। उन्होंने मांग की कि भारत के पक्ष की मेरिट जांचने से पहले जाधव की फांसी पर रोक लगाएं। अंतर्राष्ट्रीय अदालत की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि भारत ने इस मामले में पाकिस्तान पर वियना संधि के उल्लंघन का आरोप लगाया था। भारत की ओर से दायर अपील में यह भी बताया गया था कि जाधव को अपना पक्ष रखने का मौका नहीं दिया गया, न ही उन्हें भारत के उच्चायोग के अधिकारियों से मिलने की इजाजत दी गई।

बताया जाता है कि इंटरनेशनल कोर्ट आॅफ जस्टिस के अध्यक्ष राॅनी अब्राहम ने पाकिस्तान सरकार को एक पत्र लिख कर कहा है कि वह इस तरह कार्रवाई करे, जिससे इस मामले में जारी होने वाले अदालत के किसी आदेश का क्रियान्वयन संभव हो सके. अपनी अपील में भारत ने पाकिस्तान पर राजनयिक संबंधों पर वियना सम्मेलन के भीषण उल्लंघन का आरोप लगाया है. इस बात पर जोर दिया है कि जाधव का ईरान से अपहरण किया गया था न कि उसे गिरफ्तार किया गया।


PAK ने ये आरोप लगाए हैं जाधव पर
-बलूचिस्तान के ग्वादर तथा तुरबत में आइइडी और ग्रेनेड हमलों को प्रायोजित किया और जरूरी दिशा-निर्देश दिए।

-ग्वादर जिले में जिवानी बंदरगाह के ठीक सामने समुद्र में रडार स्टेशन तथा नागरिक नौकाओं पर हमले का निर्देश दिया।

-पाकिस्तानी, खासकर बलूचिस्तान के युवाओं को देश में विध्वंसक हमलों के लिए उकसाया। अलगाववादी तथा आतंकवादी तत्वों को हवाला/हुंडी के माध्यम से वित्तीय मदद दी।

-बलूचिस्तान के सिबी तथा सुई इलाकों में गैस पाइपलाइनों तथा बिजली के खंभों में विस्फोट को प्रायोजित किया।

-क्वेटा में वर्ष 2015 में विस्फोट को प्रायोजित कर बड़े पैमाने पर जान व माल को नुकसान पहुंचाया।

-क्वेटा में हजार समुदाय के लोगों पर हमला तथा ईरान जा रहे और वहां से आ रहे शिया जायरीनों पर हमलों को प्रायोजित किया।

-तुरबत, पुंजगुर, ग्वादर, पसनी तथा जिवनी में वर्ष 2014-15 के दौरान सुरक्षा बलों पर हमलों के लिए देश विरोधी तत्वों को उकसाया।

बता दें कि कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने पिछले महीने जासूसी और देश में धमाका करने के मामले में दोषी ठहराकर मौत की सजा सुनाई थी। पूर्व में भारतीय नौसेना  के  अधिकारी रह चुके कुलभूषण जाधव अभी पाकिस्तान की जेल में बंद हैं। पाकिस्तान ने उन्हें पाकिस्तान-ईरान सीमा से मार्च, 2016 में गिरफ्तार किया था।

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