बिहार बोर्ड को लेकर एक और चौंकाने वाला खुलासा

Edited By Punjab Kesari,Updated: 15 Jun, 2017 11:11 AM

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बिहार बोर्ड परीक्षा के परिणाम आने के बाद राज्य की शिक्षा व्यवस्था एक बार फिर सवालों के घेरे में है। इस बार राज्य बोर्ड द्वारा जारी 12वीं का ...

नई दिल्ली : बिहार बोर्ड परीक्षा के परिणाम आने के बाद राज्य की शिक्षा व्यवस्था एक बार फिर सवालों के घेरे में है। इस बार राज्य बोर्ड द्वारा जारी 12वीं का परीक्षा परिणाम बेहद ही खराब रहा। बिहार बोर्ड में कुल 64 फीसदी छात्र फेल हो गए, जिसमें 70 फीसदी साइंस के, 63 प्रतिशत आर्ट्स के और 26 प्रतिशत कॉमर्स के स्टूडेंट शामिल हैं। सभी को लगा कि इस बार राज्य की परीक्षा व्यवस्था सुधर गई है, पर अब चौंकाने वाली खबरें सामनें आ रही हैं। दरअसल इस बार बिहार12वीं बोर्ड इंटरमीडिएट की कॉपियों को जांचने में 11वीं और 12वीं के बच्चे भी शामिल थे। बिहार बोर्ड में इंटरमीडिएट की कॉपी चेकिंग का काम उस वक्त चल रहा था जबकि राज्य के ज्यादातर शिक्षक हड़ताल पर थे। ऐसे में छात्र और अभिभावक पहले भी कॉपी चेकिंग पर सवाल उठा रहे थे।  

इस स्टिंग के सामने आने के बाद बिहार बोर्ड की तैयारियों को लेकर फिर से सवाल उठने लगे हैं। बिहार में छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। ललिता चौधरी नाम की एक महिला जो ब्यूटी पार्लर चलाती हैं, उन्होंने ये कबूला कि वो रोज हिंदी की 50 कॉपियां चेक करती थीं।

जानकारी के मुताबिक, कॉलेज के एक प्रोफेसर ने कहा कि मैं बच्चों को फिजिक्सशिक्षा विभाग का कहना था पढ़ाता हूं मैने 12 दिनों में 900 कॉपियां जांची है। बिहार बोर्ड इंटरमीडिएट परीक्षा मार्च में आयोजित की गई थी जिसका परिणाम 30 मई 2017 को जारी किया गया था। इस मामले में शिक्षा विभाग का कहना था कि ये कड़ाई से की गई चेकिंग का नतीजा है।   

 

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