Edited By Punjab Kesari,Updated: 08 Jul, 2017 12:55 PM
यहां जी-20सम्मेलन में शुक्रवार को फोटो सैशन हुआ...
हैम्बर्ग. यहां जी-20सम्मेलन में शुक्रवार को फोटो सैशन हुआ। दुनिया के ताकतवर नेताओं के बीच नरेंद्र मोदी को दूसरी कतार में जगह मिली। उनके बाईं तरफ जापान के पीएम शिंजो अाबे और दाईं तरफ कनाडा के पीम जस्टिन ट्रुडो खड़े थे। फोटो को देखने पर लगता है जैसे डोनाल्ड ट्रंप से ज्यादा शी जिनपिंग की अहमियत है। दोनों पहली कतार में नजर आए, लेकिन ट्रंप को बाईं तरफ कतार के आखिर में जगह मिली। उनके नजदीक फ्रांस के प्रेसिडेंट इमैनुएल मैक्रों थे। बता दें कि 2016 में चीन के हांगझोऊ शहर में हुए जी-20 सम्मेलन में मेजबान चीन ने भारत को तवज्जो देते हुए प्रोटोकॉल में बदलाव कर मोदी को पहली कतार में खड़ा किया था। इस बार जर्मनी ने प्रोटोकॉल में बदलाव नहीं किया।
(CAPTION- पहली कतार में (बाएं से दाएं) प्रेसिडेंट: इमैनुएल मैक्रों (फ्रांस), डोनाल्ड ट्रंप (अमेरिका), जोको विडोडो (इंडोनेशिया), एनरिक पेना निएटो (मेक्सिको), जैकब जुमा (साउथ अफ्रीका), मॉरिशियो मैक्री (अर्जेंटीना), शी जिनपिंग (चीन), एंगेला मर्केल (जर्मनी), व्लादिमीर पुतिन (रूस), रिसेप तैयप एर्दोगन (तुर्की), माइकल ट्रेमर (ब्राजील), मून जे-इन (साउथ कोरिया)।
दूसरी कतार में (बाएं से दाएं) प्रधानमंत्री: पाओलो जेंटिलोनी (इटली), जस्टिन ट्रुडो (कनाडा), नरेंद्र मोदी (भारत), शिंजो अाबे (जापान), मैल्कम टर्नबुल (ऑस्ट्रेलिया), थेरेसा मे (ब्रिटेन)। इसके अलावा, तीसरी कतार में आईएमएफ डायरेक्टर और यूएन के सेक्रेटरी जनरल जैसे बड़े ऑर्गनाइजेशन्स के अधिकारी थे।)
सीनियरिटी को देखते मिलती है ग्रुप फोटोग्राफ्स में जगह
जी-20 के ग्रुप फोटोग्राफ्स में नेताओं की सीनियरिटी को देखते हुए जगह दी जाती है। ट्रम्प को पहली कतार में बाईं तरफ साइड में जगह मिली। उनके पहले फ्रांस के प्रेसिडेंट इमैनुएल मैक्रों थे।
फोटोग्राफ्स के लिए कतार में खड़े होने का ये है नियम
प्रोटोकॉल के तहत राजा, राष्ट्रपति और मेजबान देश के प्रमुख पहली कतार में खड़े होते हैं। दूसरी कतार में प्रधानमंत्री और चांसलर रहते हैं। जर्मनी इस बार मेजबान है, इसलिए एंगेला मर्केल पहली कतार में थीं।
14 साल बाद 2016 में पहली बार भारत को मिली थी ये जगह
चीन के हांगझोऊ में हुए जी-20 समिट में पहली लाइन में मोदी के साथ 13 नेता थे। इसमें 11 राष्ट्र प्रमुख भी थे। अगले मेजबान जर्मनी की चांसलर एंगेला मर्केल और पिछले मेजबान देश तुर्की के राष्ट्रपति भी इसी लाइन में थे। तब एक्सपर्ट्स ने कहा था कि चीन भारत को इमर्जिंग इकोनॉमिक पावर के तौर पर देखता है। बता दें कि 2002 में भारत में जी-20 सम्मेलन हुआ था । होस्ट होने के चलते भारत पहली कतार में शामिल था।