राजस्थान में गेंहू के बदले घर के बाहर लिखना होगा- मैं गरीब परिवार से हूं

Edited By Punjab Kesari,Updated: 22 Jun, 2017 03:42 PM

in rajasthan instead of wheat to write outside the house

राजस्थान के दौसा जिले में राज्य सरकार ने गरीब परिवारों के साथ भद्दा मजाक करते हुए उनके घर के बाहर।

नई दिल्ली: राजस्थान के दौसा जिले में राज्य सरकार ने गरीब परिवारों के साथ भद्दा मजाक करते हुए उनके घर के बाहर ‘मैं गरीब परिवार से हूं और राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के तहत गेहूं लेता हूं’ लिखवा दिया। जानकारी के अनुसार जिले में सरकार ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत गेहूं लेने वाले परिवारों के घरों के बाहर यह स्लोगन लिखा गया। मनमोहन सिंह सरकार में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम लाया गया था और बीपीएल व एपीएल परिवार को नि:शुल्क गेहूं वितरण होने लगा था।PunjabKesari

कांग्रेस ने इसे बताया गरीबों का मजाक 
ऐसे में एक सदस्य को 5 किलो गेहूं के हिसाब से पूरे परिवार को गेहूं दिया जाता था। लेकिन भाजपा सरकार के आने के बाद गेहूं वितरण में अपात्र लोगों के नाम होने पर हजारों की संख्या में नाम हटा दिए गए। अब 70 प्रतिशत पात्र परिवारों को ही गेहूं वितरण का लक्ष्य रखा हुआ है। अपात्र लोग इस योजना का लाभ नहीं उठाएं इसके लिए सरकार ने यह कदम उठाया। कांग्रेस ने इसे गरीबों का मजाक उड़ाना बताया। भाजपा ने कहा कि ऐसा कांग्रेस के समय जोड़े गए अपात्र लोगों को एनएफएसए से फायदा न मिले इसलिए यह पहल की गई है। इस मामले पर जिला परिषद सीईओ सुरेंद्र सिंह कविया का कहना है कि जरूरतमदों की पहचान के लिए ऐसा किया गया है।

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