Edited By Punjab Kesari,Updated: 31 Aug, 2017 11:41 AM
बिहार में कांग्रेस विधायकों की टूट की खबरें लगातार बढ़ती जा रहीं हैं। कांग्रेस में टूट की एक बड़ी वजह बड़े नेताओं द्वारा पार्टी को लेकर बरती जा रही लापरवाही भी हो सकती है।
पटनाः बिहार में कांग्रेस विधायकों की टूट की खबरें लगातार बढ़ती जा रहीं हैं। कांग्रेस में टूट की एक बड़ी वजह बड़े नेताओं द्वारा पार्टी को लेकर बरती जा रही लापरवाही भी हो सकती है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने महागठबंधन तोड़कर भाजपा से हाथ मिलाकर सरकार कायम कर ली है। इसके बाद सत्ता से बाहर होने के कारण कई विधायक भाजपा और कुछ जदयू से हाथ मिलाने की तैयारी कर रहें हैं। ऐसे में कांग्रेस के सामने अपने विधायकों को पार्टी से अलग होने से रोकने की बड़ी चुनौती है, लेकिन वरिष्ठ नेताओं पर इस बात का कोई असर देखने को नही मिल रहा है।
2014 के लोकसभा चुनाव में हार के बाद महागठबंधन के दम पर कांग्रेस ने चुनाव लड़े थे जिसमें जीत हासिल करके वह सत्ता में लौटी। बिहार में आए सियासी घमासान के बाद कांग्रेस के हाथों से सत्ता का सुख निकल गया। सूत्रों के अनुसार इसी के चलते पार्टी के करीब 10 विधायक भाजपा के साथ हाथ मिलाना चाहते हैं।
जानकारी के अनुसार, नीतीश कुमार ने चुनावों में अपने करीबी नेताओं को कांग्रेस पार्टी से टिकट दिलाने का काम किया था और उनमें से कुछ को जीत भी मिली थी। अब उन विधायकों को ही जदयू में शामिल करने की खबरें आ रही है। कहा जा रहा है कि यह सब नीतीश कुमार अपनी पार्टी को मजबूत करने के लिए कर रहें हैं।
बता दें कि कांग्रेस में टूट की एक वजह राजद का साथ भी माना जा रहा है। कुछ विधायकों को राजद का साथ खटक रहा है। कुछ विधायकों के अनुसार अगर कांग्रेस पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को लेकर अपना पक्ष स्पष्ट रुप से सामने रख देती तो आज उन्हें सत्ता से बाहर नही होना पड़ता।