Edited By Punjab Kesari,Updated: 03 Feb, 2018 08:07 PM
अगरबत्ती को न सिर्फ आध्यात्मिकता का बल्कि शांति और शुद्धता का प्रतीक भी माना जाता है। हो सकता है अगरबत्ती के जलने पर निकलने वाली सुगंध आपको बहुत पसंद हो और आपके मन को सुकून पहुंचाती हो लेकिन अगरबत्ती से निकलने वाला धुआं सिगरेट के धुएं से भी ज्यादा...
पेइङ्क्षचग: अगरबत्ती को न सिर्फ आध्यात्मिकता का बल्कि शांति और शुद्धता का प्रतीक भी माना जाता है। हो सकता है अगरबत्ती के जलने पर निकलने वाली सुगंध आपको बहुत पसंद हो और आपके मन को सुकून पहुंचाती हो लेकिन अगरबत्ती से निकलने वाला धुआं सिगरेट के धुएं से भी ज्यादा खतरनाक है। एक चीनी अध्ययन के मुताबिक जब अगरबत्ती को जलाया जाता है तो उसके धुएं के साथ बारीक कण निकलते हैं जो हवा में घुल-मिल जाते हैं। ये जहरीले कण श्वसन क्रिया द्वारा शरीर की कोशिकाओं में पहुंच कर उन्हें नुक्सान पहुंचाते हैं।
अध्ययन में यह साबित हुआ कि सुगंधित अगरबत्ती के धुएं में 3 तरह के विषैले तत्व होते हैं जिनसे कैंसर होने का खतरा रहता है। ये विषैले तत्व हैं- बुटोजेनिक, जीनोटॉक्सिक और साइटोटॉक्सिक।
लिहाजा अगरबत्ती से निकलने वाले हानिकारक धुएं से शरीर में मौजूद जीन का रूप परिवर्तित हो जाता है जो कैंसर और फेफड़ों से जुड़ी बीमारियां होने की पहली स्टेज है। इस धुएं को जब हम सांस के साथ अंदर लेते हैं तो वह हमारे फेफड़ों तक पहुंचकर फेफड़ों में जलन, उत्तेजना और रिएक्शन उत्पन्न कर सकता है।
तो आप सोच लीजिए यदि आप अपनी घर में अगरबत्ती जलाते हैं तो वह खुश्बूदार सिगरेट की तरह है जो असल में आपको और परिवार के लोगों को नुकसान पहुंचा रही है।