Edited By ,Updated: 22 Feb, 2017 09:26 PM
अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) ने कहा कि नोटबंदी से ‘उपजी अस्थाई’ बाधाआें के कारण अर्थव्यवस्था में आए तनाव से भारत की वृद्धि ...
वाशिंगटन: अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) ने कहा कि नोटबंदी से ‘उपजी अस्थाई’ बाधाआें के कारण अर्थव्यवस्था में आए तनाव से भारत की वृद्धि दर 2016-17 में घटकर 6.6 प्रतिशत रहने का अनुमान है। अपनी सालाना रपट में हालांकि आईएमएफ ने कहा है कि नोटबंदी का अर्थव्यवस्था पर केवल फौरी असर होगा यह अगले कुछ साल में आठ प्रतिशत से अधिक की अपेक्षित वृद्धि दर की राह पर लौट आएगी।
भारत पर अपनी सालाना रपट में आईएमएफ ने कहा है कि 8 नवंबर 2016 के बाद नकदी की कमी तथा भुगतान दिक्कतों में खपत व व्यापार गतिविधियों को कमतर आंका गया और वृद्धि के क्रम को बनाए रखने के सामने एक नई चुनौती खड़ी हुई। इसने कहा है,‘ वित्त वर्ष 2016-17 में वृद्धि दर घटकर 6.6 प्रतिशत रहने का अनुमान है। यह 2017-18 में बढ़कर 7.2 प्रतिशत रहना अनुमानित है।’
आईएमएफ ने कहा है कि नकदी की कमी के कारण विशेषकर निजी खपत से फौरी बाधाआें का असर वृद्धि पर पड़ेगा। रपट में कहा गया है कि नकदी की कमी दूर होगी तो अनुकूल मानसून, तेल की नीची कीमतों व आपूर्ति संबंधी बाधाआें को दूर करने की दिशा में सतत प्रगति से वृद्धि को समर्थन मिलेगा।