भारत ने चीन को दी समुद्री संधि के पालन करने की नसीहत

Edited By Punjab Kesari,Updated: 27 Jan, 2018 07:37 PM

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आसियान के बाद अब इसके सदस्य देश कम्बोडिया के साथ भी शिखर बैठक कर भारत ने सांझा बयान के जरिये चीन का नाम लिये बिना उसे फिर नसीहत दी कि 1982 के समुद्री कानून का पालन करे...

नई दिल्ली( रंजीत कुमार): आसियान के बाद अब इसके सदस्य देश कम्बोडिया के साथ भी शिखर बैठक कर भारत ने सांझा बयान के जरिये चीन का नाम लिये बिना उसे फिर नसीहत दी कि 1982 के समुद्री कानून का पालन करे।

दस देशों के संगठन आसियान के साथ शिखर बैठक में भाग लेने के बाद कम्बोडिया के प्रधानमंत्री हुन सेन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ दिवपक्षीय शिखर बैठक के लिये शनिवार को रुक । इस बातचीत के बाद आपसी आर्थिक और सामरिक रिश्तों को गहरा करने का संकल्प लिया गया। आतंकवाद के मसले पर भी चीन को इशारों में दोनों देशों ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के आतंकवाद विरोधी प्रस्तावों का सभी देश समर्थन करें। दोनों देशों ने कहा कि जो लोग आतंकवादी हरकतों को अंजाम देने और उसे बढ़ावा देने और उकसाते हैं उन्हें इसके लिये जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिये।

चार अहम समझौतों पर हस्ताक्षर
इसके साथ ही आपसी सहयोग को बहुआयामी बनाने के लिये भारत ने कम्बोडिया को कई तरह की विकास सहायता का एलान किया और कम्बोडिया के साथ  सहयोग के चार समझौते किये। प्रधानमंत्री हुन सेन और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बीच आपसी, क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मसलों पर गहन बातचीत के बाद जारी साझा बयान में कम्बोडिया ने न केवलसमुद्री क्षेत्र में परस्पर आर्थिक और सामरिकसहयोग गहरा करने पर सहमति दी बल्कि इसके लिये सैन्य आदान प्रदान बढ़ाने पर भी हामी भरी।

ऐतिहासिक और सांस्कृतिक सम्बन्धों की जड़ें गहरी: पीएम मोदी
दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के संगठन आसियान के साथ भारत की शिखर बैठक के सिलसिले में  भारत दौरे पर आए कम्बोडिया के प्रधानमंत्री हुन सेन से बातचीत के बाद मीडिया को सम्बोधित करते हुए मोदी ने कहा कि हमारे सांस्कृतिक सम्बन्धों में हमारी सांझा विरासत एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। उन्होंने कम्बोडिया के 12वीं सदी में बने ऐतिहासिक अंकोरवाट मंदिर का भारत द्वारा जीर्णोद्धार का जिक्र करते हुए कहा कि हमारे ऐतिहासिक और सांस्कृतिक सम्बन्धों की जड़ें बहुत गहरी हैं।

दोनों देशों के बीच समुद्री सुरक्षा अहम
समुद्री क्षेत्र में सहयोग गहरा करने की इच्छा जाहिर करते हुए दोनों देशों द्वारा जारी सांझा बयान में कहा गया कि समुद्री सुरक्षा दोनों देशों के लिये बहुत जरूरी है। इसलिये दोनों देश यह मानते हैं कि समुद्री क्षेत्र में आवाजाही और उड़ान की पूरी आजादी होनी चाहिये। दोनों देशों ने यह भी कहा कि  समुद्री मसलों का 1982 की अंतरराष्ट्रीय समुद्री कानूनी संधि (अनक्लास) के अनुरूप शांतिपूर्वक हल निकाला जाना चाहिये। उल्लेखनीय है कि चीन इस संधि की भावनाओं का उल्लंघन करते हुए दक्षिण चीन सागर में समुद्री विस्तार और सैन्य मौजूदगी बढ़ा रहा है।  

आतंकवाद के खिलाफ दिखाई एकजुटता
आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत के साथ एकजुटता दिखाते हुए कम्बोडिया ने माना कि संयुक्त राष्ट्र के आतंकवाद विरोधी प्रस्तावों के अनुरूप आतंकवादी गुटों को नामजद करने के लिये सभी देशों को साथ देना चाहिये। उल्लेखनीय है कि चीन ने संयुक्त राष्ट्र प्रस्ताव की अवहेलना करते हुए पाकिस्तान स्थित आतंकवादी गुट जैश ए मुहम्मद के मुखिया मसुद अजहर को अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी के तौर पर घोषित करने के प्रस्ताव पर अडंगा डाला है। सांझा बयान में कम्बोडिया ने भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता के लिये अपना समर्थन दुहराया और कहा कि संयुक्त राष्ट्र को और जनतांत्रिक बनाये जाने की जरुरत है।

 सहयोग समझौते

1. साल 2018 – 2022 के लिये सांस्कृतिक आदान प्रदान कार्यक्रम

2.भारत के एक्जिम बैंक और कम्बोडिया के बीच जलसंसाधन विकास के लिये तीन करोड़ 60 लाख डालर की सहायता

3.आपराधिक मामलों में परस्पर कानूनी सहायता

4. मानव तस्करी रोकने के लिये परस्पर सहयोग का समझौता
 

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