अपने पड़ोसियों को चीन के करीब नहीं जाने देना चाहता भारत : जनरल रावत

Edited By Punjab Kesari,Updated: 12 Jan, 2018 08:51 PM

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सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने शुक्रवार को कहा कि भारत अपने पड़ोसियों को उससे दूर होकर आक्रामक चीन के करीब जाने की अनुमति नहीं दे सकता। इसके साथ ही उन्होंने जोर दिया कि समय आ गया है कि भारत अपना ध्यान पश्चिमी सीमा से ज्यादा उत्तरी सीमा पर दे।

नेशनल डेस्क: सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने शुक्रवार को कहा कि भारत अपने पड़ोसियों को उससे दूर होकर आक्रामक चीन के करीब जाने की अनुमति नहीं दे सकता। इसके साथ ही उन्होंने जोर दिया कि समय आ गया है कि भारत अपना ध्यान पश्चिमी सीमा से ज्यादा उत्तरी सीमा पर दे।

रावत ने कहा कि चीन से निपटने की व्यापक रणनीति के एक हिस्से के तहत नेपाल, भूटान, म्यामां, बांग्लादेश, श्रीलंका और अफगानिस्तान जैसे देशों को अपने साथ रखना होगा। उन्होंने कहा कि भारत को उन्हें समर्थन जारी रखने के लिए ‘‘पूरे मन से’’ प्रयास करना होगा।

रावत ने सेना दिवस के पहले मीडिया से बातचीत करते हुए स्वीकार किया कि चीन सीमा पर भारत पर दबाव बना रहा है। लेकिन उन्होंने जोर दिया कि भारतीय सेना पूर्वी सीमा पर किसी भी सुरक्षा चुनौती से निपटने के लिए पूरी तरह से सक्षम है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं समझता हूं कि हमें अपने पड़ोसियों को अपने से दूर नहीं जाने देना चाहिए, वे देश नेपाल हों या भूटान, म्यामां, बांग्लदेश, श्रीलंका या अफगानिस्तान।

इन देशों को अपने साथ रखना होगा और मैं समझता हूं कि हमें यह सुनिश्चित करने के लिए हमें पूरा प्रयास करना होगा कि हम उन देशों को समर्थन जारी रखें।’’ मालदीव, नेपाल, श्रीलंका और म्यामां सहित भारत के ऐसे पडोसी देशों पर चीन अपना प्रभाव बढ़ाने का प्रयास कर रहा है, जो पारंपरिक रूप से भारत के करीब रहे हैं

रावत ने कहा कि हम अन्य देशों, क्षेत्र में देशों के समूह से समर्थन मांग रहे हैं ताकि हम आक्रामक चीन के सामने एशिया में अलग थलग नहीं हो जाएं। अगला कदम उठाया जा रहा है और इसलिए आप देखेंगे कि एक चतुष्कोण बन रहा है।

पिछले साल नवंबर में भारत, जापान, आस्ट्रेलिया और अमरीका ने अपने साझा हितों को पूरा करने के लिए भारत-प्रशांत क्षेत्र में एक चतुष्कोणीय गठबंधन के गठन के लिए प्रयास तेज किया था। इस कदम को चीनी प्रभाव से मुकाबला के लिए कदम के तौर पर देखा जा रहा है।  उन्होंने कहा कि अन्य देश जिस भी तरीके से भारत का समर्थन कर सकते हैं, वे आगे आ रहे हैं।

रावत ने कहा कि सैन्य स्तर पर, हम जानते हैं कि अगर चीन से कोई खतरा है तो हमें इसके लिए तैयार रहना होगा। उन्होंने इस बात को रेखांकित किया कि पाकिस्तान से लगी पश्चिमी सीमा से ज्यादा ध्यान चीन से लगी उत्तरी सीमा पर देने की जरूरत है। रावत ने कहा कि चीन उत्तरी डोकलाम में अपने सैनिकों को रखता रहा है। उन्होंने कहा कि भारत राजनयिक बातचीत सहित विभिन्न स्तरों पर चीन से निपट रहा है।

रावत ने स्वीकार किया कि कई सीमावर्ती इलाकों में चीन दबाव डालता रहा है लेकिन भारत ने यह सुनिश्चित किया कि स्थिति एक बिंदु से आगे नहीं बढ़े। उन्होंने कहा कि भारत किसी को भी अपने क्षेत्र में घुसपैठ या आक्रमण की अनुमति नहीं देगा। जब कभी हमारे क्षेत्र में घुसपैठ होती है, हम अपने क्षेत्र की रक्षा करेंगे क्योंकि हमें यह आदेश मिला हुआ है। 

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