Edited By ,Updated: 14 Dec, 2016 01:53 PM
रक्षा संबंधी समान या मिलिट्री पर खर्च करने में भारत चौथे नंबर पर है। उससे आगे अमेरिका, चीन और यूके हैं।
नई दिल्ली : रक्षा संबंधी समान या मिलिट्री पर खर्च करने में भारत चौथे नंबर पर है। उससे आगे अमेरिका, चीन और यूके हैं। लेकिन जिस रफ्तार से भारत खर्च कर रहा है उससे वह आने वाले वक्त में तीसरे नंबर पर आ सकता है। वैश्विक रक्षा का व्यय इस साल 1.57 ट्रिलियन डॉलर रहा। जो कि 2015 में 1.55 ट्रिलियन डॉलर था। माना जा रहा है कि इसकी वजह साउथ एशिया सागर में विवाद का बढऩा है।
रूस, सऊदी अरब को छोड़ा पीछे
चीन के डिफैंस का बजट 2020 तक 233 बिलियन डॉलर हो जाएगा जो कि उनके 2013 के बजट का दोगुना होगा। वर्ष 2013 में उनका बजट 123 बिलियन डॉलर रहा। इसके अलावा यूके जो कि फिलहाल तीसरे नंबर पर है वह वेस्टर्न यूरोप के देशों से ज्यादा अकेले अपने रक्षा बजट पर खर्च करता है। वहीं चौथे नंबर पर आने के लिए भारत ने सऊदी अरब और रूस को पीछे छोड़ दिया है। अगर पाउंड की कीमत इसी ढंग से गिरती रही तो वर्ष 2018 तक भारत यूके को पछाड़कर तीसरे नंबर पर आ जाएगा।
वहीं यूरोपियन मैंबर ने भी अपने रक्षा बजट में साल 2016 में इजाफा किया। अब उनका बजट 219 बिलियन डॉलर हो चुका है। रूस ने वर्ष 1990 के बाद पहली बार अपने रक्षा बजट में कटौती की। इस साल उनका रक्षा बजट पर कुल खर्च 48 बिलियन डॉलर रहा। वहीं 622 बिलियन डॉलर के साथ अमेरिका इस लिस्ट में 2016 में भी सबसे टॉप पर है। पूरी दुनिया के रक्षा बजट का 40 प्रतिशत हिस्सा उसका होता है।