प्रदूषण रोकथाम सूची में पड़ोसी देशों से पिछड़ा भारत

Edited By Punjab Kesari,Updated: 25 Jan, 2018 04:59 PM

india fourth worst country in curbing environmental pollution

प्रदूषण रोकथाम के मामले में दुनियाभर में सबसे खराब स्थिति वाले देशों की सूची में दुनिया में भारत को चौथे स्थान पर बताया गया है। भारत का दर्जा इस मामले में चीन और पाकिस्तान से भी खराब है। दावोस में आयोजित विश्व आर्थिक मंच के शिखर सम्मेलन के मौके पर...

नई दिल्लीः प्रदूषण रोकथाम के मामले में दुनियाभर में सबसे खराब स्थिति वाले देशों की सूची में दुनिया में भारत को चौथे स्थान पर बताया गया है। भारत का दर्जा इस मामले में चीन और पाकिस्तान से भी खराब है। दावोस में आयोजित विश्व आर्थिक मंच के शिखर सम्मेलन के मौके पर जारी पर्यावरण निष्पादन सूचकांक (ईपीआई) में 180 देशों की सूची में भारत नीचे से चौथे नंबर यानी 177वें स्थान पर है, जबकि दो साल पहले भारत इस सूची में 141वें स्थान पर था।

ईपीआई में पर्यावरण संबंधी स्वास्थ्य व पारिस्थितिकी जीवन शक्ति संबंधी 10 कोटियों के 24 निष्पादन संकेतों के आधार पर 180 देशों को शामिल किया गया है।
येल और कोलंबिया विश्वविद्यालय की ओर से संयुक्त रूप से तैयार की गई इस द्विवार्षिकी रिपोर्ट में भारत और बंग्लादेश, बुरुं डी, कांगो गणराज्य और नेपाल के साथ सूची में निचले स्तर के पांच देशों में शामिल है। इस सूची में चीन 120वें पायदान पर है जबकि पाकिस्तान 169वें स्थान पर। संयुक्त राज्य अमेरिका को 2018 ईपीआई रैंकिंग में 27 वें स्थान पर रखा गया है। वहीं, स्विटजरलैंड शीर्ष स्थान पर है जबकि दूसरे पर फ्रांस, तीसरे पर डेनमार्क है।

येल युनिवर्सिटी में हिलहाउस प्रोफेसर और येल सेंटर फॉर एनवायरनमेन्टल लॉ एण्ड पॉलिसी के लिए येल सेंटर के डायरेक्टर डेनियल सी एस्टी ने कहा, “2018 ईपीआई इस बात की पुष्टि करता है कि स्थायी विकास के संदर्भ में कामयाबी के लिए पर्यावरण संरक्षण में निवेश करना जरूरी है। साथ ही ओद्यौगिकीकरण एवं शहरीकरण का सावधानीपूर्वक प्रबन्धन भी मायने रखता है, जो प्रदूषण पैदा कर आम जनता एवं पर्यावरण के स्वास्थ्य के लिए घातक परिणाम पैदा करता है।”

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