Edited By ,Updated: 26 Sep, 2016 09:38 PM
सरकार की आेर से पाकिस्तान के साथ 56 साल पुरानी सिंधु जल संधि की समीक्षा किए जाने के साथ विशेषज्ञों ने आज कहा कि
नई दिल्ली: सरकार की आेर से पाकिस्तान के साथ 56 साल पुरानी सिंधु जल संधि की समीक्षा किए जाने के साथ विशेषज्ञों ने आज कहा कि भारत ने अब तक इस संधि का उपयोग जम्मू-कश्मीर में सिंचाई और पनबिजली क्षमता को बढ़ाने के लिए पूरी तरह से नहीं किया है।
भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने कहा कि अगर इस्लामाबाद अपने किसी भी वादे को पूरा करने के लिए तैयार नहीं है तो उसे नयी दिल्ली से भी उन वादों पर खरा उतरने की तवज्जो नहीं करनी चाहिए। पूर्व जल संसाधन सचिव धु्रव विजय सिंह ने पीटीआई-भाषा से कहा,‘‘इस संधि का पूरी तरह उपयोग किया जाए। हमें पनबिजली क्षमता के निर्माण और सिंचाई के लिए पानी के उपयोग की अनुमति है। समझौते के तहत हमें उससे कहीं ज्यादा की इजाजत है जो अब तक हमने किया है।’’
उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लिए सिंधु का और अधिक पानी की मांग करते हुए राज्य विधानसभा में दो प्रस्ताव पारित किए गए थे। सिंह ने कहा,‘‘हम सिंचाई के लिए और बहुत कुछ कर सकते हैं। संधि की जो शर्तें भारत के पक्ष में हैं उनका और दोहन करने की जरूरत है।’’ एक पूर्व सिंधु आयुक्त ने कहा कि भारत के फायदे के लिए इस संधि का उपयोग करने का सरकार का फैसला सही दिशा में उठाया गया कदम है।