Edited By Punjab Kesari,Updated: 10 Feb, 2018 11:29 AM
राजनीतिक संकट का सामना कर रहे मालदीव में चीन के बढ़ते हस्तक्षेप और इस्लामिक कट्टरता पर चिंता जताते मालदीव के निर्वासित पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद ने भारत से मदद की गुहार लगाई है।
मालेः राजनीतिक संकट का सामना कर रहे मालदीव में चीन के बढ़ते हस्तक्षेप और इस्लामिक कट्टरता पर चिंता जताते मालदीव के निर्वासित पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद ने भारत से मदद की गुहार लगाई है। उन्होंने कहा कि भारत को मालदीव के मौजूदा राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन की सरकार के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। नशीद ने कहा कि यह सिर्फ मालदीव नहीं बल्कि, भारत की भी समस्या है।
इस बारे में विस्तार से बात करते हुए नशीद ने कहा कि दो वजहों से मालदीव के ताजा हालात भारत के लिए भी चिंता का विषय हैं।नशीद कहते हैं कि मालदीव में चीन का हस्तक्षेप और इस्लामिक कट्टरता दोनों बढ़ गए हैं। नशीद की मानें तो चीन ने मालदीव के तकरीबन 17 द्वीपों पर अपना कब्जा कर लिया है। नशीद कहते हैं कि चीन वहां लगभग 40 मिलियन डॉलर का निवेश करने की बात कर रहा है जिससे उसके इरादों का अंदाजा लगाया जा सकता है।
नशीद ने यह भी कहा कि मालदीव इस्लामिक कट्टपंथ की तरफ बढ़ गया है इसलिए वहां से बहुत सारे लोग जिहादी बनने सीरिया-इराक गए थे। उनके मुताबिक, आईएसआईएस जैसे-जैसे खात्मे की ओर बढ़ा वैसे-वैसे वहां से वे लोग लड़ाके बनकर मालदीव वापस आ गए। नशीद के मुताबिक, अब वही लोग मिलिट्री, पुलिस, कस्टम, इमीग्रेशन आदि में भर्ती हो गए हैं। मौजूदा स्थिति पर बात करते हुए नशीद ने कहा कि भारत को हमारे चीफ जस्टिस को छुड़वाने के लिए आगे आना चाहिए जिनको कैद में रखा गया है।
नशीद ने कहा, 'मैं समझ नहीं पा रहा हूं कि वे हमारे चीफ जस्टिस को कैसे गिरफ्तार कर सकते हैं? हमारी संसद की घेराबंदी कैसे कर सकते हैं?' नशीद मालदीव में लोकतांत्रिक तरीके से चुने गए पहले राष्ट्रपति थे। वह कहते हैं कि अगर उन्हें फिर से राष्ट्रपति बनने का मौका मिला तो वह चीन की मनमानी को रोकने के लिए एक सम्मेलन करवाएंगे और उसमें जो संधि होंगी उनपर चीन को भी हस्ताक्षर करने होंगे।