Edited By Punjab Kesari,Updated: 04 Nov, 2017 12:54 PM
डोकलाम विवाद से भारत चालबाज चीन की हरकतों को परख चुका है। यही वजह है कि वह लद्दाक सीमा पर कई हवाई पट्टी का निर्माण कर रहा है। चीन बार-बार ये जताने की कोशिश करता है कि वो भारत के साथ नहीं है लेकिन फिर दोस्ती का हाथ बढ़ाकर यह दिखाना चाहता है कि वह...
नेशनल डेस्क: डोकलाम विवाद से भारत चालबाज चीन की हरकतों को परख चुका है। यही वजह है कि वह लद्दाक सीमा पर कई हवाई पट्टी का निर्माण कर रहा है। चीन बार-बार ये जताने की कोशिश करता है कि वो भारत के साथ नहीं है लेकिन फिर दोस्ती का हाथ बढ़ाकर यह दिखाना चाहता है कि वह भारत के साथ मिलकर काम करना चाहता है।
चीन ने दी थी युद्ध की धमकी
हालही में चीन ने युद्ध की धमकी देते हुए कहा था कि हमारी सेना पूरी तरह तैयार है। रक्षा क्षेत्र के एक अधिकारी ने बताया कि भारत के लिए लद्दाख जैसे इलाके में सैनिकों की तैनाती करना इतना आसान नहीं रहता और बहुत ज्यादा सर्दी में यह काम और भी कठिन हो जाता है, ऐसे में हवाई मार्ग से काफी फायदा मिलेगा। एयरफोर्स ने ऐसे इलाकों की पहचान करना भी शुरू कर दिया है जहां आने वाले वक्त में हवाई अड्डों का निर्माण किया जा सकता है।
बॉर्डर पर बनाए जाएंगे नए हवाई अड्डे
इस प्रोजेक्ट के तहत न्योमा हवाई अड्डे का भी नवीनीकरण किया जा सकता है, उसे 1962 की लड़ाई के बाद इस्तेमाल करना बंद कर दिया गया था। हालांकि, 2009 में उसे फिर से शुरू किया गया लेकिन अभी उसमें काफी काम होना बाकी है। अरुणाचल प्रदेश में भारत ने सात एडवांस लैंडिंग ग्राउंड (एएलजी) बनाए हुए हैं, लेकिन अब उनको अपग्रेड करने का काम होना है।
विवाद के दौरान किया था ऑपरेशनल अलर्ट जारी
भारत और चीन के बीच डोकलाम विवाद अगस्त में शुरू हुआ था, जिसमें चीन द्वारा बनाई जा रही एक सड़क का भारत द्वारा विरोध किया जा रहा था। दोनों देश के सैनिक एक दूसरे के सामने डटे रहे थे। विवाद के दौरान भारतीय सेना ने ऑपरेशनल अलर्ट जारी किया था, इस वजह से वहां नए बने माउंटेन स्ट्राइक कॉप्र्स के जवान तैनात किए गए थे। हालांकि अलर्ट समाप्त होने के बाद अब वहां से लगभग 2 ब्रिगेड यानी 6 हजार जवान वापस बुलाए जा चुके हैं और उन्हें उनके वास्तविक जगहों पर भेजा जा चुका है।