वर्ल्ड बैंक ने जारी की रिपोर्ट, भारत के जीएसटी को बताया सबसे जटिल

Edited By Punjab Kesari,Updated: 19 Mar, 2018 04:46 AM

india s gst is the most complex tax in the world world bank

वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को सरल बनाने की कोशिश में जुटी मोदी सरकार के लिए एक बुरी खबर आई है। वैश्विक वित्तीय संस्था विश्व बैंक ने भारत में लागू नई टैक्स प्रणाली को लेकर सवाल उठाए हैं। विश्व बैंक ने मौजूदा जीएसटी को बहुत जटिल बताया है।

नेशनल डेस्कः वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को सरल बनाने की कोशिश में जुटी मोदी सरकार के लिए एक बुरी खबर आई है। वैश्विक वित्तीय संस्था विश्व बैंक ने भारत में लागू नई टैक्स प्रणाली को लेकर सवाल उठाए हैं। विश्व बैंक ने मौजूदा जीएसटी को बहुत जटिल बताया है। इसके साथ ही कहा कि भारत में लागू टैक्स दर विश्व टैक्स स्लैव में शामिल 115 देशों की सूची में दूसरे स्थान है।

1 जुलाई 2017 को लागू हुआ था जीएसटी
विश्व बैंक ने एक रिपोर्ट में उन देशों के टैक्स रेट और स्लैब की तुलना की है। जिन देशों में जीएसटी लागू है, उन देशों को इस रिपोर्ट में शामिल किय गया है। मोदी सरकार ने 1 जुलाई 2017 को जीएसटी लागू किया था। भारत में लागू जीएसटी में पांच टैक्स स्लैब 0, 5, 12, 18 और 28 फीसदी टैक्स दर है। वहीं पेट्रोल और डीजल समेत कई उत्पादों को फिलहाल जीएसटी से बाहर रखा गया है। सोने पर 3 फीसदी टैक्स रेट लगता है। जिन वस्तुओं को जीएसटी से बाहर रखा गया है। उन पर पहले की तरह टैक्स लगता रहेगा।

49 देशों में एक ही टैक्स स्लैब
विश्व बैंक ने कहा कि एक तरफ भारत में पांच टैक्स स्लैव हैं वहीं विश्व के 49 देशों में एक ही टैक्स दर है। रिपोर्ट के अनुसार 28 देशों में दो टैक्स स्लैब हैं और इससे ज्यादा टैक्स स्लैब लागू करने वाले देशों में इटली, लग्जमबर्ग, पाकिस्तान और घाना हैं, जिनमें चार टैक्स स्लैब हैं।

गौरतलब है कि केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने जीएसटी टैक्स स्लैब को पांच से घटाकर दो ही टैक्स स्लैब रखने का सुझाव दिया है। उन्होंने संकेत दिया था कि जीएसटी टैक्स दर 12 फीसदी और 18 फीसदी तक रखा जा सकता है। जेटली ने कहा था कि इससे कर पारदर्शिता और राजस्व में स्थिरता आएगी। वैसे ही इसको लेकर विचार किया जाएगा।

रिफंड की धीमी रफ्तार पर भी जताई चिंता
विश्व बैंक ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि भारत में जीएसटी लागू होने के शुरुआती दिनों में काफी दिक्कतों का सामना किया था। बैंक ने जीएसटी बाद रिफंड की रफ्तार धीमी होने को लेकर भी चिंता जाहिर की है। रिपोर्ट में बताया गया है कि रिफंड फसने से इसका सीधा असर कारोबारियों की पूंजी पर पड़ता है। जिस वजह से उनका कारोबार भी प्रभावित होता है।

सकारात्मकर बदलाव की उम्मीद
वर्ल्ड बैंक ने अपनी रिपोर्ट में जीएसटी को लागू करने में हुए खर्च को लेकर भी सवाल उठाया है। वैश्व‍िक वित्तीय संस्था ने अपनी रिपोर्ट में भविष्य में इसमें जरूरी बदलाव करने का सुझाव दिया है और आगे जाकर इसमें सकारात्मक बदलाव की उम्मीद जताई है। रिपोर्ट में टैक्स स्लैब की संख्या कम करने और जीएसटी प्रक्रिया को सरल बनाने का सुझाव दिया गया है

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