भारत की चीन-PAK को दो टूक, J&K हमारा अटूट हिस्सा

Edited By Punjab Kesari,Updated: 13 Aug, 2017 02:55 PM

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सरकार ने स्पष्ट किया है कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न और अटूट हिस्सा है और यह चीन और पाकिस्तान को उच्चतम स्तरों सहित कई अवसरों पर स्पष्ट कर दिया गया है।

नई दिल्ली: सरकार ने स्पष्ट किया है कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न और अटूट हिस्सा है और यह चीन और पाकिस्तान को उच्चतम स्तरों सहित कई अवसरों पर स्पष्ट कर दिया गया है। चीन ने भारत के 43,180 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र पर अवैध रूप से कब्जा कर रखा है जबकि पाकिस्तान का जम्मू-कश्मीर के 78 हजार वर्ग किलोमीटर भारतीय क्षेत्र पर अवैध कब्जा है।

जम्मू-कश्मीर भारत का अटूट हिस्सा
विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘ भारत सरकार का रूख पूरी तरह से स्पष्ट है और जम्मू कश्मीर भारत का अटूट हिस्सा है। शिमला समझौते के तहत भी भारत सरकार और पाकिस्तान की सरकार जम्मू कश्मीर के विषय समेत सभी लंबित मुद्दों का द्विपक्षीय वार्ता के जरिये समाधान निकालने को प्रतिबद्ध हैं। इसकी प्रतिबद्धता भारत सरकार संसद में भी व्यक्त कर चुकी है।’’ मंत्रालय ने बताया कि यह बात पाकिस्तान सरकार को भी कई अवसरों पर बताई जा चुकी है। इस रूख को अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के समक्ष उच्चतम स्तर पर भी व्यक्त किया जा चुका है। सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत विदेश मंत्रालय से मिली जानकारी के मुताबिक वर्ष 1962 के बाद से जम्मू-कश्मीर में भारत की भूमि का लगभग 38 हजार वर्ग किलोमीटर भू-भाग चीन के कब्जे में है। मंत्रालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार,‘‘इसके अतिरिक्त 2 मार्च 1963 को चीन तथा पाकिस्तान के बीच हस्ताक्षरित तथाकथित चीन, पाकिस्तान ‘सीमा करार’ के तहत पाकिस्तान ने पाक अधिकृत कश्मीर के 5180 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को अवैध रूप से चीन को दे दिया था।’’

‘वन बेल्ट, वन रोड’ को लेकर रिश्ते तनावपूर्ण
विदेश मंत्रालय का यह बयान ऐसे समय में महत्वपूर्ण है जब चीन के ‘वन बेल्ट, वन रोड’ को लेकर दोनों देशों के रिश्ते तनावपूर्ण हैं। यह गलियारा पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से होकर गुजरता है। इसी कारण भारत ने चीन के‘वन बेल्ट, वन रोड’ पर आयोजित सम्मेलन का बहिष्कार किया था। इसके साथ ही सिक्किम सेक्टर में डोकलाम विवाद को लेकर दोनों देशों के रिश्ते तनावपूर्ण हैं। हाल ही में जब भारत ने सुझाव दिया था कि दोनों देश डोकलाम से एक साथ अपनी सेनाएं हटा लें, तब चीन ने इस सुझाव को मानने से इनकार किया था।

चीन की भारत को धमकी
चीन के विदेश मंत्रालय में सीमा एवं समुद्री मामलों की उपमहानिदेशक वांग बेन्ली ने कहा था कि नई दिल्ली क्या करेगा अगर वह उत्तराखंड के कालापानी या कश्मीर में घुस जाए। एक अन्य आरटीआई के जवाब में विदेश मंत्रालय के पीएआई प्रकोष्ठ ने बताया कि जहां तक पाकिस्तान की ओर से भारतीय क्षेत्र पर कब्जे का सवाल है, यह बताया जाता है कि पाकिस्तान का जम्मू कश्मीर के 78 हजार वर्ग किलोमीटर भारतीय क्षेत्र पर अवैध कब्जा है। इसके अलावा उसने चीन..पाकिस्तान सीमा समझौते के तहत 5180 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को अवैध रूप से चीन को दे दिया था।

भारत-चीन के बीच सीमांकन नहीं किया गया
सूचना के अधिकार के तहत ‘विदेश मंत्रालय से यह पूछा था कि चीन और पाकिस्तान ने भारत के कितने क्षेत्र पर कब्जा कर रखा है और इस बारे में सरकार ने क्या पहल की है? चीन के साथ सीमा विवाद और घुसपैठ के बारे में एक सवाल के जवाब में रक्षा मंत्रालय के समन्वित मुख्यालय ने कहा कि भारत और चीन के बीच सीमांकन औपचारिक रुप से नहीं किया गया है, ऐसे में वास्तविक नियंत्रण रेखा को लेकर दोनों पक्षों में गश्ती को लेकर अपनी-अपनी समझ है, इसके कारण अस्थायी तौर पर अतिक्रमण की घटनाएं होती हैं। इसमें कहा गया है कि किसी तरह के मतभेद होने की स्थिति में सीमार्किमयों के बीच बैठक या सैन्यर्किमयों के बीच फ्लैग बैठक के जरिये सूचनाओं के आदान-प्रदान की सुव्यवस्थित प्रणाली है। इस संबंध में सीमा पर शांति एवं स्थिरता संबंधी समझौता (1993), सैन्य क्षेत्र में विश्चवास बहाली के उपाय (1996) और साल 2005 के विश्वास बहाली के उपाय लागू करने की रुपरेखा संबंधी प्रोटोकाल के तहत कदम उठाए जाते हैं।

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