Edited By ,Updated: 27 Sep, 2016 01:05 AM
भारत ने 15 साल के लिए इंटरनेशनल सीबेड अथॉरिटी (आईएसए) के साथ सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए जिससे उसे हिंद...
नई दिल्ली: भारत ने 15 साल के लिए इंटरनेशनल सीबेड अथॉरिटी (आईएसए) के साथ सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए जिससे उसे हिंद महासागर में पोलीमेटेलिक सल्फाइड (पीएमएस) को खोजने एवं उत्खनन करने का विशेषाधिकार मिल जाएगा। इससे हिंद महासागर में भारत की उपस्थिति बढ़ेगी जहां चीन, कोरिया और जर्मनी जैसे अन्य बड़े देश सक्रिय हैं।
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव एम राजीवन और आईएसए के महासचिव नी अलोटे आेडुनटन द्वारा इस करार पर हस्ताक्षर किए गए। आईएसए समुद्र कानून संधि के तहत स्थापित संगठन है और भारत उससे संबंधित है। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय विभिन्न राष्ट्रीय संस्थानों एवं अनुसंधान प्रयोगशालाओं एवं संगठनों की सहभागिता से इस कार्यक्रम को लागू करेगा।
इससे पहले आईएसए ने पृथ्वी मंत्रालय के एक आवेदन को मंजूरी दी जिसमें भारत ने हिंद महासागर में मध्य भारतीय रिज और और दक्षिण पश्चिम भारतीय रिज के इर्द-गिर्द पीएमएस के 15 वर्षीय खोज कार्य के वास्ते 10,000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र देने का आग्रह किया था। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 15 जून को अपनी बैठक में इस अनुबंध पर हस्ताक्षर करने को मंजूरी दी थी। पोलीमेटेलिक सल्फाइड में लोहा, तांबा, जिंक, चांदी, सोना, प्लेटिनम जैसे तत्व होते हैं।