1959 में इन 10 सैनिकों ने देश की रक्षा के लिए दिया था प्राणों का बलिदान

Edited By Punjab Kesari,Updated: 20 Oct, 2017 05:27 PM

india soldiers rajnath singh

देश 1959 में चीनी सैनिकों की गोलीबारी में शहीद हुए पुलिस कर्मियों तथा देश की एकता और अखंडता की रक्षा में अपना बलिदान देने वाले 34,400 अन्य जवानों को कल यहां एक विशेष कार्यक्रम में श्रद्धांजलि देगा। गृह मंत्रालय ने आज यह जानकारी दी।  गृह मंत्री...

नई दिल्ली:  देश 1959 में चीनी सैनिकों की गोलीबारी में शहीद हुए पुलिस कर्मियों तथा देश की एकता और अखंडता की रक्षा में अपना बलिदान देने वाले 34,400 अन्य जवानों को कल यहां एक विशेष कार्यक्रम में श्रद्धांजलि देगा। गृह मंत्रालय ने आज यह जानकारी दी।  गृह मंत्री राजनाथ सिंह के नेतृत्व में राष्ट्र 10 पुलिसर्किमयों के साथ ही 34,408 अन्य पुलिसर्किमयों को भी श्रद्धांजलि देगा जिन्होंने आजादी से अब तक देश की एकता और अखंडता की रक्षा के लिए अपने प्राणों का बलिदान दिया।   

मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि हर साल 21 अक्तूबर को ‘पुलिस स्मृति दिवस’ उन 10 पुलिसर्किमयों की याद में मनाया जाता है जिन्‍होंने 1959 में चीन के साथ लगी भारतीय सीमा की रक्षा करते हुए अपने प्राणों का बलिदान दिया था।  

क्या हुआ था उस दिन?
-वर्ष 1959 में शरद तक तिब्बत से लगी 2500 किलोमीटर लंबी सीमा की सुरक्षा की जिम्मेदारी भारतीय पुलिसर्किमयों पर थी।  
-20 अक्तूबर 1959 को उत्तर पूर्वी लद्दाख में हॉट स्प्रिंग्स से तीन गश्ती दल एक भारतीय अभियान की तैयारियों के सिलसिले में रवाना हुए थे। 
-दो दलों के सदस्य हॉट स्प्रिंग्स वापस आ गए। लेकिन तीसरे दल के सदस्य वापस नहीं लौटे। जिसमें दो पुलिस कांस्टेबल और एक पोर्टर भी थे।  
-लापता लोगों की तलाश में अगले दिन शेष बलों को एकत्र किया गया। 
-उप केंद्रीय खुफिया अधिकारी (डीसीआईओ) रैंक के अधिकारी करम सिंह के नेतृत्व में करीब 20 पुलिसर्किमयों का एक दल घोड़े पर आगे बढ़ा जबकि अन्य लोग पैदल ही तीन हिस्सों में उनके पीछे चले।  
-एक पहाड़ी पर तैनात चीनी सैनिकों ने भारतीय दल पर गोलीबारी की और हथगोले फेंके।  कोई कवर नहीं होने के कारण अधिकतर जवान घायल हो गए।10 बहादुर पुलिसकर्मी शहीद हो गए वहीं सात अन्य घायल हो गए। 
-इस घटना के तीन हफ्ते बाद 13 नवंबर 1959 को चीन ने 10 पुलिसर्किमयों के शव लौटाए। 
-जवानों के पाॢथव शरीरों का पूरे पुलिस सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया।  
-राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों के जनवरी 1960 में हुए सालाना सम्मेलन में यह तय किया गया कि देश में हर पुलिस लाइन में 21 अक्तूबर को स्मृति दिवस के तौर पर मनाया जाएगा। 

बयान में कहा गया है कि आजादी के बाद से 34,418 पुलिसर्किमयों ने इस देश के लोगों को सुरक्षा मुहैया कराने और देश की अखंडता की रक्षा करने के लिए अपने प्राणों का बलिदान किया है।  सितंबर 2016 से अगस्त 2017 के बीच 383 पुलिसर्किमयों ने अपने प्राणों का बलिदान किया।

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