Edited By Punjab Kesari,Updated: 27 Jan, 2018 02:14 PM
डोकलाम मुद्दे पर चीन में भारत के राजदूत गौतम बंबावले ने कहा कि डोकलाम में सैन्य गतिरोध चीन-भारत के संबंधों के लिए ‘क्षणिक बाधा’ थी लेकिन सीमावर्ती क्षेत्रों में यथास्थिति बनाए रखना दोनों देशों के लिए आवश्यक है...
बीजिंगः डोकलाम मुद्दे पर चीन में भारत के राजदूत गौतम बंबावले ने कहा कि डोकलाम में सैन्य गतिरोध चीन-भारत के संबंधों के लिए ‘क्षणिक बाधा’ थी लेकिन सीमावर्ती क्षेत्रों में यथास्थिति बनाए रखना दोनों देशों के लिए आवश्यक है। सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स को दिए साक्षात्कार में नवनियुक्त राजदूत ने द्विपक्षीय संबंधों के कई आयामों पर चर्चा की और कहा कि बीजिंग को नई दिल्ली की चिंताओं, जैसे चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) के प्रति ‘संवेदनशील होने की जरूरत है।’
बंबावले ने कहा कि डोकलाम विवाद के बाद, भारत और चीन को ज्यादा बातचीत करने और एक-दूसरे के प्रति सुस्पष्ट होने की जरूरत है। दोनों देश एक-दूसरे के प्रतिद्वंद्वी नहीं हैं। राजदूत ने कहा कि मुझे लगता है कि आप इस मुद्दे को जरूरत से कहीं अधिक बढ़ाकर देख रहे हैं। भारत के लोग, चीन और हमारे नेता ऐसी क्षणिक बाधा से बाहर निकलने के लिए पर्याप्त अनुभवी और बुद्धिमान हैं।”
गोरतलब है कि चीन और भारत की सेनाएं डोकलाम में पिछले वर्ष एक दूसरे के आमने-सामने आ गई थीं, जिससे वहां गतिरोध उत्पन्न हो गया था।भारतीय सेना ने डोकालाम में चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी की ओर से सड़क निर्माण को रोक दिया था। इस इलाके पर भूटान भी दावा करता है। इसके बाद यहां 2 माह तक दोनों सेनाओं के बीच गतिरोध पैदा हो गया था।
यह गतिरोध अगस्त में तब समाप्त हुआ था जब दोनों देशों ने अपनी सेनाओं को वापस बुला लिया था। कुछ न्यूज रिपोर्ट के अनुसार हालांकि चीन ने डोकालाम के समीप क्षेत्र में बड़े पैमाने पर बुनियादी ढांचे का निर्माण किया है, जोकि देश के अन्य हिस्से को जोड़ने वाले पूर्वोत्तर राज्य के मुख्यमार्ग से काफी नजदीक है।